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12-15 लाख दो, सरकारी नौकरी लो, डील से पहले ही STF के हत्थे चढ़ा पेपर लीक का मास्टरमाइंड

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सरकारी भर्ती परीक्षा से पहले पेपर लीक गिरोह के मास्टरमाइंड हाकम सिंह और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को STF ने गिरफ्तार कर लिया. आरोप है कि दोनों ने छह अभ्यर्थियों से 12-15 लाख रुपये लेकर परीक्षा पास कराने का वादा किया था. आरोपियों के खिलाफ पटेलनगर थाने में मामला दर्ज हुआ है और STF के पास 15 लाख रुपये की मांग की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है.

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पकड़ा गया पेपर लीक गिरोह का सरगना (Photo: Representational )
पकड़ा गया पेपर लीक गिरोह का सरगना (Photo: Representational )

उत्तराखंड में सरकारी भर्ती परीक्षा से पहले STF ने एक बड़े पेपर लीक गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने पेपर लीक के मास्टरमाइंड हाकम सिंह और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को गिरफ्तार किया है. आरोपियों पर छह अभ्यर्थियों से 12-15 लाख रुपये लेकर परीक्षा पास कराने का वादा करने का आरोप है.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक एसएसपी (एसटीएफ) नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि कुछ अभ्यर्थियों से संपर्क कर परीक्षा पास कराने के नाम पर भारी रकम मांगी जा रही है. 

12-15 लाख रुपये में बेच रहे थे प्रश्न पत्र

इस सूचना पर पुलिस और STF ने संयुक्त जांच की. जांच के दौरान पाया गया कि पंकज गौड़ नामक व्यक्ति ने छह छात्रों से संपर्क किया और उनसे 12-15 लाख रुपये में परीक्षा पास कराने का वादा किया.

पूछताछ में पंकज गौड़ ने खुलासा किया कि वह पेपर लीक रैकेट के मास्टरमाइंड हाकम सिंह से जुड़ा हुआ है. STF ने दोनों को गिरफ्तार कर पटेलनगर थाने में मामला दर्ज किया है. STF के पास एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी है जिसमें आरोपियों को एक उम्मीदवार से 15 लाख रुपये की मांग करते हुए सुना जा सकता है.

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परीक्षा से पहले वसूलते थे मोटी रकम

पुलिस ने बताया कि जिस परीक्षा के लिए आरोपियों ने रकम मांगी थी, वह रविवार को होनी थी. SSP अजॉय सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में सख्त एंटी-चीटिंग कानून लागू होने के बाद से भर्ती परीक्षाओं के दौरान पुलिस, STF और इंटेलिजेंस यूनिट्स सक्रिय रहती हैं. 

आरोपियों को सभी तथ्यों के सत्यापन के बाद ही गिरफ्तार किया गया. यह भी पाया गया कि आरोपी उम्मीदवारों से परीक्षा पास कराने का लालच देकर उनसे मोटी रकम मांगते थे.

STF ने बताया कि इस मामले की गहन जांच की जा रही है ताकि पेपर लीक रैकेट में शामिल अन्य लोगों तक भी पहुंचा जा सके. इस कार्रवाई के बाद अभ्यर्थियों के बीच परीक्षा को लेकर भरोसा बढ़ने की उम्मीद है.

 

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