उत्तर प्रदेश में पिछले दो जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के चलते इस बार का शुक्रवार योगी सरकार के लिए डबल टेंशन बन गया है. योगी सरकार को एक तरफ जुमे नमाज के बाद उपद्रवियों को रोकना है, जिसके लिए प्रशासन ने सख्त बंदोबस्त किए. वहीं, दूसरी तरफ मोदी सरकार के द्वारा शुरू की गई 'अग्निपथ' योजना के लेकर यूपी में युवा कई शहरों में सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में योगी सरकार के लिए सूबे की कानून व्यवस्था को बनाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है.
अग्निपथ योजना को लेकर सूबे में पूर्वांचल से पश्चिम यूपी तक युवा सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं. पूर्वांचल के बलिया में युवाओं ने रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ किया तो प्रयागराज, बुलंदशहर, मथुरा, फिरोजबाद, गोरखपुर, बागपत की सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. अग्निपथ विरोध को देखते हुए गुरुवार शाम को सभी जिलों के डीएम और एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई. प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्देश दिए गए.
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं से अपील की है. सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा, 'अग्निपथ योजना युवाओं के जीवन को नई दिशा देने के साथ भविष्य को स्वर्णिम आधार देगी. युवा किसी बहकावे में ना आए. मां भारती की सेवा हेतु संकल्पित हमारे 'अग्निवीर' राष्ट्र की अमूल्य निधि होंगे और उत्तर प्रदेश सरकार अग्निवीरों को पुलिस व अन्य सेवाओं में वरीयता देगी. जय हिंद.'
सीएम योगी के अपील के बाद भी युवाओं का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है. यूपी के कई शहरों में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने अग्निपक्ष योजना को रद करने की मांग की और 'अग्निपथ योजना वापस लो' के नारे लगाए हैं. केंद्र सरकार की सेना में भर्ती के लिए बनाई गई अग्निपथ योजना के खिलाफ मथुरा में युवाओं में आक्रोश बढ़ रहा है. सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने मथुरा में आगरा-दिल्ली हाईवे पर जाम लगा दिया. देवरिया में मार्ग को जाम किया.
वहीं, किसान आंदोलन का चेहरा रहे राकेश टिकैत से लेकर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने अग्निपथ का विरोध कर बड़े आंदोलन के खड़े करने की बात कही है. जयंत चौधरी ने यूपी के अलग-अलग शहरों में जाकर अपनी अग्निपक्ष के विरोध में रैली करने का शेड्यूल जारी कर दिया है. किसान आंदोलन के बाद अब युवाओं के सड़क पर उतरने से योगी सरकार के लिए चुनौती बढ़ गई है.
'अग्निपथ' योजना को लेकर एक तरफ तो युवा आक्रोशित हैं तो दूसरी तरफ जुमे की नमाज के बाद का प्रदर्शन. पिछले दो जुमे की नमाज के बाद हुए प्रदर्शन में हिंसा भड़की. पहले कानपुर में हिंसा हुई थी और उसके बाद प्रयागराज, सहारनपुर, फिरोजाबाद, हाथरस, मुरादाबाद, अंबेडकर नगर आदि जिलों में पुलिस के साथ नमाजियों की झड़प हुई थी. ऐसे में पुलिस प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती जुमे की नमाज के बाद माहौल बिगड़ने से रोकना है.
पुलिस-प्रशासन सतर्क है. संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है. पुलिस के साथ आरएएफ और पीएसी की भी तैनाती की गई है. ड्रोन के साथ ही इस बार हेलिकॉप्टर को भी तैयार रखा गया है. पुलिस प्रशासन ने बवाल वाले जिलों के साथ ही अन्य जिलों में शांति कमेटी की बैठककर लोगों को जुमे की नमाज के बाद किसी तरह के विरोध प्रदर्शन से दूर रहने की अपील की है. साथ ही मस्जिदों के इमामों से भी भीड़ इकट्ठा नहीं करने की अपील कराई जा रही है. शिया और सुन्नी दोनों ही फिरकों के उलेमाओं ने शांति बनाए रखने की अपील की है और नमाज के बाद किसी तरह से की नारेबाजी और प्रदर्शन करने से परहेज करने को कहा है.