उत्तर प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल का गठन हुए तीन दिन हो चुके, जबकि उत्तराखंड में पुष्कर धामी के कैबिनेट का गठन 23 मार्च को हुआ था. इसके बाद भी अभी तक मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है. दोनों ही राज्यों में शपथ ग्रहण के बाद अब सभी की नजर मंत्रियों के मिलने वाले विभागों पर लगी हुई है कि हैवीवेट विभागों का जिम्मा किसे मिलता है. विभागों के बंटवारे को लेकर शीर्ष स्तर पर मंथन जारी है और माना जा रहा है मंत्रिमंडल की तरह ही विभागों के बंटवारे में भी चौंकाने वाले फैसले देखने को मिल सकते हैं?
योगी कैबिनेट में 52 मंत्री शामिल
यूपी में चुनाव नतीजे आने के 10 दिन के बाद 25 मार्च को योगी सरकार के 2.0 में 53 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दो उप मुख्यमंत्री सहित 18 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्री बनाए हैं. शपथ लेने के तीन दिन के बाद भी विभागों के बंटवारे का फैसला न होना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐसे में योगी सरकार में गृह, वित्त, पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा, जलशक्ति, चिकित्सा एवं स्वास्थ, चिकित्सा शिक्षा, औद्योगिक विकास और शिक्षा जैसे बड़े महकमे किसे सौंपे जाएंगे.
केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक पर नजर
योगी सरकार के कैबिनेट में जिस तरह से कई पुराने नेताओं की वापसी हुई है. केशव प्रसाद मौर्य को विधानसभा चुनाव हार के बाद डिप्टी सीएम बनाया गया और दिनेश शर्मा की जगह ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी गई. केशव प्रसाद के पास पिछले कार्यकाल में पीडब्ल्यूडी जैसा भारी भरकम विभाग था तो ब्रजेश पाठक कानून मंत्री थे. ऐसे में दोनों की नेताओं को मिलने वाले विभागों से योगी 2.0 सरकार में उनकी सियासी अहमियत का अंदाजा लगेगा. इसीलिए इन दोनों ही नेताओं को मिलने वाले विभागों पर सभी की निगाहें हैं.
एके शर्मा से लेकर स्वतंत्रदेव सिंह
पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले अरविंद कुमार शर्मा को भी योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, जिसके बाद अब उन्हें मिलने वाले विभाग पर सभी नजर है. ऐसे ही उत्तराखंड की राज्यपाल रही बेबीरानी मौर्य भी विधायक बनकर आई हैं और योगी टीम में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल किया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया तो सुरेश खन्ना और सूर्यप्रताप शाही की भी कैबिनेट में वापसी हुई है. इसके अलावा पूर्व एडीजी असीम अरुण को स्वतंत्र राज्य मंत्री बनाया गया.
मंत्रिमंडल की तरह विभाग बंटवारे सरप्राइज
योगी सरकार 2.0 मंत्रिमंडल गठन की तरह ही विभागों के बंटवारे में भी चौंकाने वाले फैसले देखने को मिल सकते हैं. ऐसे में मंत्रियों में विभाग को लेकर बेचैनी भी दिखाई दे रही है. बीजेपी नेतृत्व ने जिस तरह से सिद्धार्थनाथ सिंह, दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा जैसे 22 दिग्गजों को इस बार बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है और नए चेहरों पर भरोसा जताया गया है उससे लगता है कि इस बार विभागों के बंटवारे में भी बड़ा बदलाव नजर आएगा.
धामी शपथ ग्रहण के एक सप्ताह हो रहे
वहीं, उत्तराखंड में धामी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. मंत्रिमंडल गठन हुई पांच दिन हो गए हैं और मंगलवार से विधानसभा की कार्यवाई भी शुरू हो गई है, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब तक नए मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं किया है. घामी सरकार में इस बार सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, धन सिंह रावत, गणेश जोशी, रेखा आर्य को फिर से मंत्रिमंडल में जगह मिली है तो चंदनराम दास, प्रेमचंद्र अग्रवाल और सौरभ बहुगुणा नए चेहरे शामिल किए गए हैं. पुराने दिग्गजों की नजर हैवीवेट मंत्रालय पर है.
पुराने और नए मंत्रियों के बीच संतुलन
सतपाल महाराज सिंचाई, पीडब्ल्यूडी जैसे विभाग संभाल चुके हैं तो उनियाल शासकीय प्रवक्ता के साथ ही कृषि मंत्री रहे हैं. धन सिंह के पास चिकित्सा और उच्च शिक्षा विभाग रहा है. गणेश जोशी सैनिक कल्याण और उद्योग मंत्री का जिम्मा संभाल चुके हैं तो रेखा आर्य महिला एवं बाल विकास की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. सबसे ज्यादा माथापच्ची नए मंत्रियों को लेकर है. वहीं, 3 मंत्रियों की सीट खाली होने से विभागों का कैसा बंटवारा होगा. इस पर सभी की नजर है.
2022 की पार्टी से 2024 की तैयारी
माना जा रहा है कि योगी और धामी टीम की सियासी पारी के जरिए बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 के तैयारी में है. मद्देनजर जनता के बीच सरकार की छवि, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन, जनता और कार्यकर्ताओं की सुनवाई के लिए मंत्रियों को उनकी क्षमता को ध्यान में रखकर विभागों का बंटवारा किए जाने के पक्षधर हैं. ऐसे में कैबिनेट में शामिल किए गए मंत्रियों के ऊपर भी बड़ी जिम्मेदारी होगा, जिसके चलते जिम्मा सौंपने से पहले शीर्ष नेतृत्व मंथन में जुटा है.