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गोरखपुर में दो नामों से जाने जाते हैं ये तीन बाजार

देवबंद को देववृंद के रूप में नामकरण किए जाने को लेकर विवाद के बीच 'आज तक' ने गोरखपुर के तीन बाजारों का जायजा लिया, जिनका नाम पिछले 20 वर्षों में बदला जा चुका है. आरोप है कि योगी आदित्यनाथ जब पहली बार 1998 में सांसद बने थे उसके बाद ही इन तीन बाजारों का नाम बदला गया.

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गोरखपुर
गोरखपुर

देवबंद को देववृंद के रूप में नामकरण किए जाने को लेकर विवाद के बीच 'आज तक' ने गोरखपुर के तीन बाजारों का जायजा लिया, जिनका नाम पिछले 20 वर्षों में बदला जा चुका है. आरोप है कि योगी आदित्यनाथ जब पहली बार 1998 में सांसद बने थे उसके बाद ही इन तीन बाजारों का नाम बदला गया.

सबसे पहले 'आज तक' की टीम अली नगर बाजार पहुंची, जिसे अब आर्य बाजार कहा जाता है. हालांकि, हकीकत यह है कि इस बाजार में कई दुकानें अभी भी अली नगर के नाम से हैं और कई दुकानें आर्य बाजार के नाम से हैं. कई लोग कहते हैं कि यह बाजार अली नगर है तो कई लोग कहते हैं कि यह बाजार आर्यनगर है.

ऐसे ही पहले मियां बाजार कहलाने वाले और अब माया बाजार कहलाने वाले बाजार में भी है. यहां एक ही सड़क पर दो दुकानें हैं एक दूसरे के अगल-बगल और एक में लिखा हुआ है मियां बाजार तो दूसरे में माया बाजार लिखा हुआ है.

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तीसरा बाजार है उर्दू बाजार जिसे अब हिंदी बाजार कहा जाता है. यहां पर भी कई दुकानें हैं जिन पर कहीं उर्दू बाजार तो कहीं हिंदी बाजार लिखा है.

पुराने नाम से पंजीकृत हैं बाजार
दरअसल सभी का कहना है कि यह सारा नामकरण जो हुआ है वह पिछले 15 से 20 वर्षों में हुआ है, लेकिन जो मुसलमान हैं वह अभी अपने पुराने नाम से ही दुकान चला रहे हैं और जो हिंदू है वह नए नाम से. सूत्रों के मुताबिक अभी सभी दस्तावेजों में पुराने नाम से ही ये बाजार रजिस्टर्ड हैं.

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