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PWD का कारनामा, सड़क बनाने के दौरान बीच में ही छोड़ दिया पेड़

UP News: देवरिया जिले में पीपरपाती गांव के चिंतामन टोला जाने वाली सड़क को साल 2010 में PWD ने बनाया था. इसके बाद सड़क का नवीनीकरण भी हुआ. लेकिन बीच रास्ते में आम का पेड़ है, जिसे विभाग ने अभी तक नहीं कटवाया. इस पेड़ के कारण यहां कई बार सड़क हादसे हो चुके हैं.

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बीच सड़क पर पेड़ होने से हो चुकी हैं कई सड़क दुर्घटनाएं.
बीच सड़क पर पेड़ होने से हो चुकी हैं कई सड़क दुर्घटनाएं.

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में लोक निर्माण विभाग (PWD) का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है. विभाग ने गांव जाने के लिए सड़क तो बनाई लेकिन उसके बीचों-बीच लगे आम के पेड़ को यूं ही छोड़ दिया. इसके कारण यहां से गुजरने वाले राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. चार पहिया वाहनों को तो सड़क से नीचे उतरकर किनारे से निकलना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि रात में यहां कई लोग दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं.

Aajtak ने जब PWD के बड़े अफसर से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से साफ तौर पर इनकार कर दिया. लेकिन यह जरूर बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है. इसमें विभाग के जेई अनिल यादव से जानकारी ली गई है. साथ ही वन विभाग को भी इसे लेकर पत्र लिखा गया है. परमिशन मिलते ही पेड़ को कटवा दिया जाएगा.

गौरतलब है कि सदर तहसील के शहर से महज 3 किलोमीटर दूर पीपरपाती गांव के चिंतामन टोला जाने वाली सड़क को वर्ष 2010 में पीडब्लूडी ने बनाया  था. लेकिन जर्जर हो जाने के वजह से दस दिन पहले ही 1200 मीटर की सड़क का नवीनीकरण कराया गया है, जिसके दौरान सड़क के बीचों-बीच आम के पेड़ को यूं ही छोड़ दिया गया है.

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एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरके सिंह ने बताया, यह 1200 मीटर की सड़क की चौड़ाई 3 मीटर है. यह सड़क साल 2010 में बनी थी तभी से यह पेड़ यहां लगा रहने दिया गया. उन्होंने बताया कि इस सड़क का नवीनीकरण 10 लाख रुपये की लागत से कराया गया है. वन विभाग को इसे लेकर पत्र लिखा गया है. जैसे ही वहां से परमिशन मिलती है, पेड़ को कटवा दिया जाएगा.

चिंतामन गांव के रहने वाले योगेंद्र यादव ने बताया कि हालांकि पेड़ को नहीं काटना चाहिए. लेकिन इससे कई तरह की सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. इसलिए इसका काटा जाना जरूरी है. वहीं, एक अन्य शख्स ने बताया कि कुछ लोग चाहते हैं कि पेड़ काटा जाए तो कुछ लोग नहीं चाहते कि आम के इस पेड़ को काटा जाए.

वहीं, PWD विभाग पर यह सवाल खड़ा होता है कि इस सड़क को बने बारह साल से ज्यादा हो गए हैं. लेकिन अभी तक पेड़ को काटा नहीं गया. नवीनीकरण हुआ तब भी इंजीनियर ने पेड़ कटवाने की जहमत नहीं उठाई और न ही इसे लेकर कोई पहल की.

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