भारत के विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि हम हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं और साथ ही लिट्टे से भारत को कोई सहानुभूति नहीं है.
गौरतलब है कि श्रीलंका में सेना और एलटीटीई उग्रवादियों के बीच आखिरी दौर की जंग के बीच भारतीय विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी आज से दो दिन के लंका दौरे पर जा रहे हैं.
इस दौरान विदेश मंत्री लंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे और विदेश मंत्री रोहिता बोगोलगमा से मिलेंगे और मौजूदा हालात पर चर्चा करेंगे. इस दौरे में विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी लंकाई नेताओं पर इस बात का दबाव भी बनाएंगे, कि वहां रह रहे तमिलों को दूसरों के बराबर अधिकार दिए जाएं.
वैसे माना जा रहा है कि श्रीलंकाई तमिलों के हकों के लिए लड़ रहे एलटीटीई पर फौजी हमले के बाद से करूणानिधी समेत तमाम भारतीय तमिल नेता लगातार केंद्र पर दबाव बनाए हुए थे, कि श्रीलंकाई सरकार को फौजी कार्रवाई की बजाय राजनीतिक समाधान के लिए कहा जाए. वैसे
इस बीच बड़ी खबर यही है कि श्रीलंका सेना ने एलटीटीई के आखिरी गढ़ मलाईतिवू पर भी कब्जा कर लिया है, हालांकि छिटपुट लड़ाई इस वक्त भी चल रही हैं, मगर एलटीटीई के उग्रवादी जंगलो में भागने को मजबूर हो गए हैं.
इनमें एलटीटीई प्रमुख प्रभाकरण की भी चर्चा है, जिसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड की चार्जशीट में प्रमुख आरोपियों में शामिल है.