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'अपने राम, आज के राम' पर चर्चा आज

अदब 12 श्रृंखला के अन्तर्गत 'अपने राम, आज के राम' कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार शाम 6 बजे होगा.

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अदब 12 श्रृंखला के अन्तर्गत 'अपने राम, आज के राम' कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार शाम 6 बजे होगा.

वाणी प्रकाशन, ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर और इंडिया टुडे ग्रुप डिजिटल की इस साझा प्रस्तुति का आयोजन नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर में होना है.

कार्यक्रम में रामकथा के मर्मज्ञ तथा साहित्य जगत के वरिष्ठ कथाकार श्री नरेन्द्र कोहली व युवा पत्रकार व लेखिका सुश्री वर्तिका नन्दा का सान्निध्य रहेगा. कार्यक्रम में अपने राम व आज के राम के पहलुओं पर बातचीत होगी. पौराणिक एवं ऐतिहासिक चरित्रों की गुत्थियों को सुलझाते हुए उनके माध्यम से आधुनिक सामाज की परिस्थितियों पर परिचर्चा होगी. इतिहास, पुराण की कहानियों पर आधुनिक परिप्रेक्ष्य से संवाद व विचार किया जाएगा.

नरेन्द्र कोहली आधुनिक हिन्दी साहित्य के सर्वश्रेष्ठ रचनाकारों में से एक हैं. 6 वर्ष की आयु से ही उन्होंने लिखना प्रारंभ कर दिया था और 20 वर्ष की उम्र में उनकी रचनाएं प्रकाशित होने लगीं थी. उपन्यास, कहानी, व्यंग, नाटक, निबंध, आलोचना, संस्मरण इत्यादि गद्य की सभी प्रमुख एवं गौण विधाओं में नरेन्द्र कोहली जी ने महारत हासिल की है और अपनी विदग्धता का परिचय दिया है. सभी विधाओं में अभी तक कोहली जी की लगभग सौ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. उनकी जैसी प्रयोगशीलता, विविधता और प्रखरता कहीं और देखने को नहीं मिलती. उन्होंने श्रेष्ठ ग्रंथों का सृजन किया है. हिन्दी साहित्य में 'महाकाव्यात्मक उपन्यास' की विधा को प्रारंभ करने का श्रेय नरेन्द्र कोहली को ही जाता है. उन्होंने वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित महाभारत की कथा को अपने उपन्यास ‘महासमर’ में समाहित किया है. रामकथा पर आधारित ‘अभ्युदय’ (दो खण्ड), ‘युद्ध’ (दो खण्ड), ‘मेरे राम : मेरी रामकथा’, ‘अवसर’, ‘दीक्षा’, ‘संघर्ष की ओर’ आपकी प्रमुख कृतियां हैं. नरेन्द्र कोहली जी सांस्कृतिक राष्ट्रवादी साहित्यकार हैं, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से भारतीय जीवन-शैली एवं दर्शन का सम्यक् परिचय करवाया है.

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वाणी प्रकाशन 50 वर्ष से हिन्दी का सर्वश्रेष्ठ प्रकाशक गृह रहा है. भारतीय विचार और संस्कृति का आधुनिकता के साथ समन्वय स्थापित करने में हिन्दी भाषा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. पिछले तीन दशकों से हिन्दी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में कुछ गंभीर तकनीकी बदलाव आए हैं. वाणी प्रकाशन इस बदलाव में सक्रियता के साथ कदमताल कर रहा है. आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की जो चन्द भाषाएं होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी. इस विश्वास के साथ वाणी प्रकाशन व ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर ने यह गठबंधन किया है. यह कार्यक्रम वाणी प्रकाशन व ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर के नये गठबंधन के तहत सम्पन्न होगा.

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