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उन्नाव रेप कांड- प्रधानी के चुनाव को लेकर दुश्मन बने थे सेंगर और पीड़िता के ताऊ

ये पूरा मामला किसी थ्रिलर मूवी से कम नहीं है. अब तक हुई हत्या और हादसे में विधायक कुलदीप सेंगर पर ही आरोप लगे हैं. बता दें कि रेप पीड़िता और विधायक की फैमिली में डेढ़ दशक पहले तक खूब बनती थी.

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एक चुनाव जिसके बाद बढ़ती गई दुश्मनी
एक चुनाव जिसके बाद बढ़ती गई दुश्मनी

रायबरेली में हुई कार दुर्घटना के बाद उन्नाव रेप कांड एक बार फिर सुर्खियों में है. गैंगरेप पीड़िता की कार का एक्सिडेंट और उसमें बैठी उसकी चाची और मौसी की मौत के बाद उत्तर प्रदेश में सियासत गर्मा गई है. पीड़ित परिवार इस घटना को हादसा नहीं बल्कि हत्या बता रहा है. हालांकि यूपी सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है.

थ्रिलर मूवी जैसी है पूरी कहानी

अगर देखें तो ये पूरा मामला किसी थ्रिलर मूवी से कम नहीं है. 28 जुलाई को हुई सड़क दुर्घटना में मृत महिलाओं में से एक इस पूरे मामले में गवाह भी थी. एक अन्य गवाह की मौत कुछ दिन पहले ही हुई थी. रेप पीड़िता के पिता की पहले ही मौत हो चुकी है, जबकि उसके चाचा जेल में हैं. वहीं, पीड़िता और उसके वकील की हालत भी गंभीर बताई जा रही है. रेप कांड से पहले पीड़िता के ताऊ की भी हत्या हुई थी. इन सब मामलों में विधायक कुलदीप सेंगर और उसके परिवार के लोगों पर ही आरोप लगे हैं.

 डेढ़ दशक पहले तक समर्थन में था परिवार

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स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि ये पूरा मामला ग्राम प्रधान के चुनाव को लेकर शुरू हुआ था. उन्नाव जिले में माखी गांव के सराय थोक मोहल्ला में विधायक कुलदीप सेंगर और पीड़िता का घर आसपास था. पीड़िता के पिता, चाचा और ताऊ की विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से डेढ़ दशक पहले तक खूब बनती थी. इनके दबंगई की चर्चा पूरे उन्नाव में थी. बताया जाता है कि कुलदीप सेंगर जब पहली बार विधायक बने थे तो उसमें पीड़िता के घरवालों का सबसे बड़ा हाथ था.

विधायक बनने के बाद पड़ने लगी दरार

2002 में पहली बार विधायक बनने के बाद कुलदीप सिंह ने तीनों भाइयों से किनारा करना शुरू कर दिया था. इसके बाद दोनों परिवारों के बीच दरार पड़नी शुरू हो गई, जो बाद में पारिवारिक रंजिश बन गई. पत्रकारों का कहना है कि पीड़िता के ताऊ की भी क्षेत्र में दबंगई चलती थी. उनके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज थे. विधायक बनने के बाद अपनी छवि बचाने के लिए कुलदीप ने इनसे कन्नी काटनी शुरू की थी.

वहीं, पीड़िता के परिवार को भी लगने लगा था कि कुलदीप के भाव सातवें आसमान पर हैं, जिसके बाद ताऊ ने ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का फैसला किया था. ताऊ के प्रधानी लड़ने की बात कुलदीप सेंगर को पच नहीं रही थी क्योंकि अब उनके बीच वर्चस्व की बात आ गई थी. हालांकि ताऊ को कुलदीप सेंगर ने अड़ंगा डालकर चुनाव नहीं लड़ने दिया. फिर यहीं से दोनों परिवार एक-दूसरे के दुश्मन बन गए.

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पहली हत्या पीड़िता के ताऊ की हुई

इस रंजिश में सबसे पहली हत्या पीड़िता के ताऊ की हुई. लोगों ने ईंट-पत्थरों से हमला करके उसे मार दिया था. उसकी हत्या की साजिश रचने का आरोप परिजनों ने विधायक कुलदीप सेंगर पर लगाया था. पीड़ित युवती के ताऊ की मौत के बाद उसके चाचा भागकर दिल्ली चले आए थे. चाचा महेश सिंह पर भी आधे दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. महेश ने लॉ की पढ़ाई की है.

दूसरी मौत लड़की के पिता की हुई

4 जून 2017 को 17 वर्षीय पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसका बीजेपी के विधायक कुलदीप सेंगर के घर पर बलात्कार किया गया. पीड़िता ने कहा कि वह अपने एक पड़ोसी के साथ नौकरी दिलाने में मदद के लिए विधायक के पास गई थी. इस आरोप के बाद विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था. पिता ने कहा भी था उन्हें फर्जी मामले में फंसाया जा रहा है, लेकिन उस वक्त पुलिस ने उनकी एक ना सुनी. जिला कारागार से शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई थी. पुलिस ने पीड़िता के पिता के साथ मारपीट करने के आरोप में 4 लोगों को गिरफ्तार किया. ये सभी विधायक कुलदीप सेंगर के सहयोगी थे.   

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गवाह सहित एक महिला की मौत, विधायक सहित कई पर मामला दर्ज  

28 जुलाई उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक सड़क दुर्घटना में उन्नाव रेप पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई थी. इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई, जबकि पीड़िता और उसके वकील की हालत गंभीर बताई जा रही है. ये लोग चाचा महेश सिंह से मिलने रायबरेली जेल जा रहे थे. इस मामले में विधायक कुलदीप सेंगर समेत कई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. FIR पीड़िता के चाचा ने दर्ज कराई है.

जिसने चाचा पर दर्ज कराया था केस, वो भी नामजद  

चाचा महेश सिंह पर 21 अक्टूबर से 15 नवंबर 2017 के बीच माखी और सफीपुर कोतवाली पुलिस ने चार मुकदमे दर्ज किए थे. चारों मामला दर्ज कराने वाले विधायक कुलदीप सेंगर के करीबी थे. पहला मामला कुलदीप सिंह की पड़ोसी, दूसरी विधायक के करीबी विनोद मिश्र, तीसरा रिश्तेदार राजकुमार और चौथा केस विधायक के नजदीकी नवाबगंज के ब्लॉक प्रमुख अरुण सिंह ने दर्ज कराया था. पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे में पुलिस ने विनोद मिश्रा और ब्लॉक प्रमुख अरुण सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है.

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