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iChowk:रवींद्र पाटिल की कहानी: गुनाह बड़ा या गवाही?

गुनाह का चश्मदीद होना बड़ी बात नहीं. उससे भी बड़ा होता है गुनाह के मामले में गवाही देना. और शायद सबसे बड़ा होता है आखिर तक 'बयान' पर कायम रहना.

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रवींद्र पाटील
रवींद्र पाटील

"कितने कुत्ते थे?"

"गाड़ी के अंदर या बाहर सरदार?"

फिल्म 'गब्बर इज बैक' से इसका बिलकुल भी वास्ता नहीं है. मगर, मुमकिन है, भविष्य में कभी 'हिट एंड रन' केस पर फिल्म बनी तो ये डायलॉग भी सुनने को मिल सकता है. कम से कम सलमान खान को सजा मिलने के बाद फिल्मी शख्सियतों की ओर से जो बातें सामने आईं वे तो यही संकेत दे रही हैं .

गुनाह का चश्मदीद होना शायद उतनी बड़ी बात नहीं. उससे भी बड़ा होता है गुनाह के मामले में गवाही देना. और शायद सबसे बड़ा होता है आखिर तक 'बयान' पर कायम रहना. रवींद्र पाटील की दास्तां इसका सबूत है.

रवींद्र पाटील की पूरी दास्तां पढ़ें... www.ichowk.in पर.

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