'सीधी बात' कार्यक्रम में खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों की तैयारियों के बारे में बताया. साथ ही उन्होंने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया का नाम बदलने की वजह का भी खुलासा किया. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में खिलाड़ियों के पास सुविधाओं का अभाव था लेकिन हमारी सरकार ने खिलाड़ियों को हर आधुनिक सुविधा मुहैया कराने का काम किया है.
क्यों बदला SAI का नाम
खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने बताया कि स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) का नाम बदलकर स्पोर्ट्स इंडिया करने के पीछे क्या वजह रही. उन्होंने कहा कि जब कोई खिलाड़ी ये शिकायत करता है कि अथॉरिटी का कोई अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहा है और उस खिलाड़ी को एकेडमी से बाहर निकालने की धमकी दे रहा है तो दुख पहुंचता है. अथॉरिटी खिलाड़ियों की सर्विस के लिए है और उनका काम शिकायतें दूर करना है. हमने इसी वजह से SAI से 'अथॉरिटी' शब्द को हटाने का फैसला लिया है.
नाम के साथ बदलेगा काम
राज्यवर्धन ने कहा कि SAI का नाम ही नहीं बदला बल्कि काम करने का रवैया भी बदला गया है. उन्होंने कहा कि यही वजह रही आखिरी साल में नाम बदला गया है, इससे पहले मैंने SAI के काम के तरीके को बदला है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के वक्त में खिलाड़ियों के पास सुविधाएं, मौके, ट्रेनिंग का अभाव था लेकिन हमारी सरकार ने यह सब करके दिखाया है. उन्होंने कहा पहले भारतीय कोच और विदेश कोच की सैलरी के लिए अलग-अलग पैमाने थे लेकिन अब काबिल स्वदेशी कोचों को भी विदेश कोचों के बराबर सैलरी देने का फैसला किया गया है.
ओलंपिक में पदक विजेता से मंत्री तक का सफर तय करने वाले राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि मोदी सरकार ने भारतीय युवाओं में विश्वास और जोश भरने का काम किया है और अब हर खिलाड़ी किसी भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में जीतने के लिए जाता है. पहले ऐसा विश्वास खिलाड़ियों के भीतर नहीं दिखता था. उन्होंने कहा कि 2020 का ओलंपिक तो सिर पर आ चुका है लेकिन हम अपने खिलाड़ियों को 2024 और 2028 के लिए तैयार कर रहे हैं.
खिलाड़ियों से करते हैं संपर्क?
खिलाड़ियों को होने वाली परेशानियों की सुनवाई पर राज्यवर्धन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के पास तो मेरा पर्सनल नंबर तक है. इसके अलावा SAI की एक टीम को इसी काम में लगाया गया है कि वह खिलाड़ियों की दिक्कतों को अधिकारियों और सीधे मुझ तक पहुंचाए.
राठौड़ ने कहा कि हम इसके लिए एक मोबाइल ऐप भी बनाने जा रहे हैं जो विदेशी दौरे पर जाने वाले खिलाड़ियों को खेल मंत्रालय और स्पोर्ट्स इंडिया से सीधे जोड़ने का काम करेगी. इस व्यवस्था से खेल में नौकरशाही पर लगाम लग सकती है.
राज्यवर्धन ने हरियाणा सरकार के नोटिफिकेशन पर कहा कि वहां की सरकार ने 24 घंटे के भीतर खिलाड़ियों की सैलरी में से हिस्सेदारी लेने का फैसला वापल लिया था. उन्होंने कहा कि अगर हम कुछ गलत करते हैं तो हमेशा उसमें सुधार की संभावना रखते हैं.