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राजस्‍थान: विधायकों की मांग पर डिजायर सिस्टम लागू

राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों की हैसियत यहां के कांग्रेसी नेताओं केनिजी मुलाजिम जैसी हो गई है. गहलोत सरकार के एक और अजीबोगरीब फरमान से अबनेता और विधायक कर्मचारियों का तबादला तय कर रहे हैं.

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राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों की हैसियत यहां के कांग्रेसी नेताओं के निजी मुलाजिम जैसी हो गई है. गहलोत सरकार के एक और अजीबोगरीब फरमान से अब नेता और विधायक कर्मचारियों का तबादला तय कर रहे हैं.

विधायकों की मांग पर डिजायर सिस्टम लागू
इससे पहले भी राज्य सरकार एक सर्कुलर जारी कर सरकारी कर्मचारियों को नेताओं को सलाम करने का सलीका सीखा ही चुकी है. दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की मांग पर लागू किया है डिजायर सिस्टम, यानी पार्टी विधायक और नेता अपने इलाके में जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को चाहे, वहां  उनका ही होगा तबादला. अब कर्मचारी हैं कि जी हजूरी को मजबूर हैं और नेता कह रहे हैं कि इस व्यवस्था से सब खुश हैं.

डिजायर सिस्टम ने उड़ाई धज्जियां
25 अगस्त के बाद राज्य में तबादले पर लगी रोक हटा ली गई है. अब विपक्ष को आशंका है कि तबादले के खेल में सत्ता पक्ष जम कर कमाई के फेर में है. राजस्थान सिविल सर्विस एक्ट 1971 के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी नौकरी में फायदे के लिए सिफारिश का इस्तेमाल नहीं कर सकता लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत के डिजायर सिस्टम ने इसकी धज्जियां उड़ा दी हैं.

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