पूरे गुजरात में समंदर किनारे हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है, नीलोफर की चेतावनी जारी हो चुकी है. 29 अक्टूबर यानी बुधवार को तूफानी हवाओं और मूसलाधार बारिश के साथ नीलोफर से गुजरात का सामना होगा.
गुजरात के सभी बंदरगाह खाली करा लिये गए हैं , मछुआरों को समंदर में जाने से रोक दिया गया है और समुद्री तट पर रहनेवाली आबादी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. खतरा 29 अक्टूबर से शुरु होगा और 31 अक्टूबर को सुबह होते ही नीलोफर तूफान हिंदुस्तान की हदों से टकराएगा.
अरब सागर में साइक्लोन 'नीलोफर' और ज्यादा ताकतवर हो गया है. इसकी हवाओं की रफ्तार 120 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे हो चुकी है. यही वजह है कि अब इसे 'व्हेरी सीवियर' साइक्लोन कैटेगरी में डाल दिया गया है.
साइक्लोन 'नीलोफर' बड़ी तेजी से अपनी जगह पर ताकत बटोर रहा है. आशंका है कि 29 अक्टूबर तक इसकी रफ्तार 140 से 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी. फिलहाल यह ओमान की तरफ है लेकिन बीच रास्ते से ही यह अपनी दिशा बदलकर गुजरात की रुख करेगा.
30 अक्टूबर को इसके गुजरात पहुंचते ही कच्छ और सौराष्ट्र इलाके में समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगेंगी. अनुमान लगाए जा रहे हैं कि 31 तारीख को सुबह-सुबह 'नीलोफर' गुजरात तट को पार करेगा और इसके लैंडफॉल की जगह नलिया के पास होगी. इसकी वजह से कच्छ के तटीय इलाकों में 100 से 110 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी और झमाझम बारिश तमाम इलाकों में लोगों को परेशान करेगी.
फारसी में नीलोफर का मतलब कमल का फूल होता है.
दिलचस्प है कि कमल के नाम पर आधारित यह तूफान गुजरात के रास्ते ही भारत में दस्तक दे रहा है. इस चक्रवाती तूफान का नाम पाकिस्तान ने दिया है.
आठ समुद्री देश एक साथ मिलकर आने वाले चक्रवातों के नाम तय करते हैं. पाकिस्तान इन 8 देशों के समूह में शामिल है. अगले तूफान का
नाम 'प्रिया' होगा जिसे श्रीलंका ने दिया है.