आंध्र प्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति तिरंगे से रंगी एक दीवार को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के झंडे के रंग से पुताई करते देखा जा रहा है. वीडियो सार्वजनिक होने के बाद मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी और उनकी पार्टी की काफी आलोचना हो रही है. पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने भी सरकार पर निशाना साधा है.
झंडे की पुताई पर बवाल
घटना अनंतपुर जिले की है जहां अमरापुरम ब्लॉक के तमिडेपल्ली गांव में एक वर्कर तिरंगे को वाईएसआर पार्टी के झंडे के रंग में पुताई करते देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी पूर्व में ऐसा निर्देश भी दे चुके हैं कि प्रदेश के सभी पंचायत भवनों को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के झंडे का रंग दिया जाए. भवन के प्रवेश द्वार पर मुख्यमंत्री का चेहरा लगाने का निर्देश जारी किया गया था.
टीडीपी, बीजेपी ने साधा निशाना
जगनमोहन रेड्डी के इस फरमान पर पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने निशाना साधा है. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'मैंने कभी भी अपने राष्ट्रीय तिरंगे को इस तरह अपमानित होते नहीं देखा. तिरंगे को वाईएसआर पार्टी के झंडे के रंग से रिप्लेस करने वाले इस घिनौने कृत्य के लिए सरकार को माफी मांगनी चाहिए.' नायडू के बेटे और टीडीपी महासचिव नारा लोकेश ने भी जगन सरकार की तीखी आलोचना की है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष कन्ना लक्ष्मीनारायण ने भी सत्तारूढ़ पार्टी पर हमला बोला है. लक्ष्मीनारायण ने कहा, 'लोगों ने उन्हें (जगनमोहन रेड्डी) 150 सीटें दीं जबकि उन्होंने हैंडपंप, पानी की टंकी और भवनों पर वाईएसआर कांग्रेस के रंगों के अलावा कुछ नहीं दिया.'
I have never seen our National Tricolour being utterly disrespected like this! @ysjagan’s government must apologise for this shocking, abominable act of replacing tricolour with YSRC party colours #YSRCPDisrespectsTricolour pic.twitter.com/MvKKo2xx30
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) October 30, 2019
टीडीपी और वाईएसआर आमने-सामने
बता दें, सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल टीडीपी के बीच आंध्र प्रदेश में तकरार लंबे वर्षों से जारी है, क्योंकि वाई. एस जगनमोहन रेड्डी सरकार ने पिछली चंद्रबाबू नायडू सरकार की ओर से लिए गए लगभग सभी फैसलों को पलट दिया. दोनों के बीच काफी लंबे समय से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है. अप्रैल में हुए चुनावों के दौरान दोनों पक्षों में चुनाव अभियान के दौरान काफी तीखी बहस और झड़पें हुई थी, जबकि मई में नतीजे आने के बाद दोनों के बीच तल्खी और तेज हो गई, क्योंकि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने तेलुगू देशम पार्टी को सत्ता से बेदखल कर दिया.