इंडियन रेलवे ने इस साल के आंकड़े पेश करते हुए दावा किया है कि जनवरी से अभी तक रेल दुर्घटना में एक भी यात्री की मौत नहीं हुई. रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 2019 के बाद से रेल दुर्घटना में एक भी यात्री की मृत्यु नहीं हुई है. सुरक्षा बढ़ाने के उपायों के क्रम में रेलवे ने इस दौरान 1274 क्रॉसिंग्स को खत्म किया.
इसके साथ ही 2019-2020 में रेलवे ने अब तक 5181 किलोमीटर की पुरानी पटरियों को नया रूप देने का काम किया है. रेलवे के लिए यह एक रिकॉर्ड है. रेलवे के मुताबिक इस दौरान 1367 पुलों का जीर्णोद्धार किया गया है.
रेलवे का दावा है कि भारतीय रेलवे के 166 वर्ष के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि जब इतने समय के अंतराल में किसी यात्री की ट्रेन दुर्घटना में मौत नहीं हुई है. इस दौरान रेलवे ने बड़ी मात्रा में मानव युक्त रेलवे क्रॉसिंग को हटाने, रोड ओवर ब्रिज (आरओबी)/ रोड अंडर ब्रिज(आरयूबी) का निर्माण करने, पुलों का जीर्णोद्धार करने और सबसे अधिक पटरियों का नवीकरण करने का काम किया है.
इन 5 महीनों में रेलवे ने बनाए ये रिकॉर्ड्स
> रिकॉर्ड संख्या में 1274 मानवयुक्त रेलवे क्रॉसिंग को हटाया गया है, यह संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले दोगुना है.
> रेलवे नेटवर्क पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए 2019-20 में कुल 1309 आरओबी /आरयूबी का निर्माण किया गया.
> 2019-20 के दौरान 1367 पुलों का जीर्णोद्धार किया गया, जबकि पिछले साल 1013 पुलों का जीर्णोद्धार किया गया था.> 2019-20 में 5,181 किमी के ट्रैक का नवीकरण किया गया. साल 2018-19 में सिर्फ 4,265 किलोमीटर के ट्रैक का नवीकरण किया गया था.
> इस दौरान सेल की ओर से 13.8 लाख टन रेल की पटरियों की आपूर्ति की गई.
> 2019-20 में 285 लेवल क्रॉसिंग (एलसी) को सिग्नलों के द्वारा इंटरलॉक किया गया है, इसके साथ ही संचयी इंटरलॉक्ड एलसी की संख्या 11,639 हो गई है.
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> 2019-20 के दौरान 84 स्टेशनों की सुरक्षा में सुधार करने के लिए उनमें यांत्रिक सिग्नलिंग के स्थान पर इलेक्ट्रिकल / इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग की गई.