देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान आईआईटी में इस बार एडमिशन लेने में छात्रों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. इस बार 650 सीटें खाली रह गईं और उनमें एडमिशन के लिए कोई नहीं आया.
एक हिंदी दैनिक के मुताबिक ऐसा इसलिए हुआ कि नए आईआईटी में छात्र-छात्राओं की खास रुचि नहीं थी और उसके अलावा कुछ ऐसे विषय भी हैं जिनमें छात्रों की दिलचस्पी नहीं थी क्योंकि वे करियर के लिहाज से बहुत उत्साहवर्धक नहीं हैं. IITJEE एडवांस काउंसलिंग के प्रमुख एमके पाणिग्रही ने बताया कि पहले चरण में 9,711 सीटों की काउंसलिंग में 9,061 सीटों में ही छात्रों ने दाखिला लिया. एक अन्य प्रोफेसर ने बताया कि यह संख्या तो उन छात्रों की है जिन्होंने दाखिला नहीं लिया. अभी तो वे छात्र बाकी हैं जो दाखिला वापस लेंगे.
पिछली बार से IIT में छात्र एडमिशन लेने के बाद अपना नाम वापस लेने लगे हैं. इसका कारण यह है कि वे नए IIT की बजाय एनआईटी या फिर अच्छे प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन ले लेते हैं. एक और कारण यह है कि दक्षिण भारत के IIT में उत्तर के छात्र खाने-पीने के कारण एडमिशन लेने से कतराते हैं. कुछ छात्रों के अभिवावक नहीं चाहते हैं कि उनके बच्चे उतनी दूर जाएं.
इस बार IIT ने कुछ विषयों की पढ़ाई बंद कर दी है क्योंकि उनमें छात्र दाखिला नहीं लेते हैं और कई बार बीच से ही छोड़ देते हैं. छात्रों को लगता है कि भारत में उन विषयों में कई खास भविष्य नहीं है. फिलहाल बांबे आईआईटी सबसे पसंदीदा इंजीनियरिंग कॉलेज है. इसमें एडमिशन के लिए सबसे ज्यादा आवेदन आते हैं.