राज्यसभा में शुक्रवार को विपक्ष के विरोध के बावजूद खदान एवं खनिज विकास से संबंधित विधेयक पारित हो गया, जिसमें खनिज ब्लॉकों की नीलामी का प्रावधान है. जानिए इस विधेयक की खास बातें...
- खनन लाइसेंस अब 50 साल के लिए मिलेगा, पहले 30 साल के लिए था.
- मूल 1957 के कानून से अलग विधेयक में खनन अनुमति के नवीनीकरण की जरूरत नहीं.
- बॉक्साइट, लौह अयस्क, लाइमस्टोन और मैंगनीज अयस्क के खनन को शामिल करने के लिए एक नई अनुसूची. अभी इन्हें सूचीबद्ध खनिज कहा जाता है.
- केंद्र सरकार की मंजूरी से राज्य सरकार खनन पट्टा और लाइसेंस जारी करेगी.
- केंद्र सरकार नीलामी की प्रक्रिया और बोली लगाने वालों के चुनाव के लिए शर्तें तय करेगी.
- केंद्र सरकार को खनन के लिए अनुमत क्षेत्र का विस्तार करने की अनुमति. पहले थी अतिरिक्त पट्टे की व्यवस्था.
- केंद्र सरकार किसी खास खदान को किसी विशेष लक्ष्य के लिए आरक्षित कर सकेगी.
- खनन क्षेत्र में जिला खनिज फाउंडेशन की स्थापना, जहां स्थानीय शिकायतें सुनी जाएंगी.
- क्षेत्रीय और अखिल भारतीय योजना निर्माण के लिए राष्ट्रीय खनिज उत्खनन ट्रस्ट स्थापित किया जाएगा.
-इनपुट IANS से