पूर्व केंद्रीय मंत्री राम निवास मिर्धा का सुबह शरीर के विभिन्न अंगों के काम करना बंद करने के बाद निधन हो गया. वे 86 साल के थे.
राजस्थान के बारमेर जिले को जासौल गांव में 1924 ई. में राम निवास मिर्धा का जन्म हुआ था.उन्होंने इलाहाबाद और लखनऊ विश्वविद्यालय से अपनी पढाई पूरी की थी. राजस्थान विधान सभा के पूर्व स्पीकर राम निवास मिर्धा 1970 में केंद्रीय मंत्री बने और कांग्रेस पार्टी के कई पदों को भी संभाला. श्री मिर्धा अपने पीछे दो बेटे और एक बेटी को छोड़ गए.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता राम निवास मिर्धा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें अनुभवी एवं समर्थ राजनेता बताया जिन्होंने सार्वजनिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में खासा योगदान दिया.
सिंह ने मिर्धा के पुत्र हरेंद्र को भेजे शोक संदेश में कहा, ‘‘ आपके पिता राम निवास मिर्धा के निधन की खबर से मुझे काफी दुख हुआ है. वह कांग्रेस के वरिष्ठतम सदस्यों में से एक थे. करीब छह दशक के राजनीतिक सफर में उन्होंने अपने गृह प्रदेश राजस्थान और देश की विशिष्टता के साथ सेवा की. ’’ प्रधानमंत्री ने विदेश मंत्री सहित अन्य पदों पर मिर्धा की भूमिका को याद किया. उन्होंने कहा कि मिर्धा के निधन से देश ने एक योग्य और अनुभवी राजनेता खो दिया है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम निवास मिर्धा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया.