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देश में पानी का संकट गहराया, 20 साल में 18 फीसदी घटी पानी की उपलब्धता

जल शक्ति मंत्री ने कहा कि औद्योगीकरण व शहरीकरण के चलते देश के विभिन्न भागों में ताजे पानी का उपयोग बढ़ रहा है जबकि बारिश में कमी आई है जिससे भूजल स्तर लगातार घटता जा रहा है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

  • बारिश में कमी और भूजल स्तर गिरने से पानी की कमी बढ़ी
  • जल शक्ति मंत्री-देश के कई हिस्सों में पानी का उपयोग बढ़ा

देश में आने वाले दिनों में पानी का संकट गहराने की संभावना बनी हुई है, क्योंकि प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता लगातार घटती जा रही है. लोकसभा में गुरुवार को इस संबंध में पेश एक आकलन में सामने आया है कि देश में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता बीते 20 साल में 18 फीसदी से ज्यादा घट चुकी है. यही नहीं आगे 2051 तक यह 32 फीसदी से ज्यादा कम हो जाएगी.

पानी की उपलब्धता पर सवाल?

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को लोकसभा में एक तारांकित सवाल के जवाब में जानकारी दी. उन्होंने जानकारी में बताया 2001 में देश में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 1,816 क्यूबिक मीटर थी, जो 2021 में घटकर 1,486 घन मीटर और 2051 में 1,228 घन मीटर रह जाएगी.

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भूजल स्तर लगातार घटा

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक इस प्रकार 2001 के मुकाबले 2021 में पानी की प्रति व्यक्ति उपलब्धता में 18.17 फीसदी और 2051 में 32.37 फीसदी की कमी आएगी.

असम के कालियाबोर संसदीय क्षेत्र से सांसद गौरव गोगोई के पूछे गए तारांकित सवालों के जल शक्ति मंत्री ने लिखित जवाब दिए थे. जिसमें जल शक्ति मंत्री ने बताया कि औद्योगीकरण व शहरीकरण के चलते देश के विभिन्न भागों में ताजा पानी का उपयोग बढ़ रहा है जबकि बारिश में कमी आई है जिससे भूजल स्तर लगातार घटता जा रहा है.

आपको बता दें कि सांसद गोगोई ने बीते 20 साल में पानी की प्रति व्यक्ति उपलब्धता की जानकारी मांगी थी.

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