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DJB का पलटवार, कहा- दिल्ली का पानी पीने लायक, BIS की रिपोर्ट साजिश

BIS ने दिल्ली के साथ ही 20 राज्यों की राजधानियों के पेयजल के नमूनों की जांच कराई थी. इसमें दिल्ली में 11 जगहों से पाइप से आने वाले पानी के नमूने लिए गए थे. जिनमें से ज्यादातर नमूने मानकों को पूरा करने में विफल रहे.

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दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन दिनेश मोहनिया
दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन दिनेश मोहनिया

  • DJB ने दिल्ली के पानी को पीने योग्य बताया

  • DJB की लैब में पानी के सैम्पल की हुई जांच
  • दिल्ली जल बोर्ड के पास है वर्ल्ड क्लास लैब

दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन दिनेश मोहनिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पानी के मुद्दे पर दिल्लीवासियों को गुमराह किया जा रहा है. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने चुनाव से पहले दिल्ली को बदनाम करने की साज़िश रची है.

ज़ाहिर है BIS ने दिल्ली के साथ ही 20 राज्यों की राजधानियों के पेयजल के नमूनों की जांच कराई थी. इसमें दिल्ली में 11 जगहों से पाइप से आने वाले पानी के नमूने लिए गए थे, जिनमें से ज्यादातर नमूने मानकों को पूरा करने में विफल रहे.

इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी पिछले कुछ दिनों से केजरीवाल सरकार पर हमलावर है. ऐसे में बुधवार को दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन दिनेश मोहनिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी.    

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प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें-

-दिल्ली जल बोर्ड ने 10 दिनों में पूरे राज्य से 4,204 पानी के सैम्पल लिए थे.  

-इनमें से 4,128 सैम्पल 'Satisfactory' यानी कि संतोषजनक पाए गए हैं.

-सभी सैम्पल्स में पारदर्शिता अपनाई गई थी.

-पानी के सैम्पल्स को 29 पैरामीटर पर जांचा गया.

-4,200 पानी के सैम्पल्स पर 4,200 पेज की रिपोर्ट बनी है.

-दिल्ली का पानी पीने योग्य है.

-दिल्ली जल बोर्ड के लैब में पानी के सैम्पल की जांच हुई है.

-दिल्ली जल बोर्ड के पास वर्ल्ड क्लास लैब है.

-BIS ने साज़िश के तहत चुनाव से ठीक पहले दिल्ली को बदनाम करने के लिए यह रिपोर्ट जारी की थी.  

-BIS की रिपोर्ट में WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के नॉर्म्स फॉलो नहीं किए गये थे.

-BIS या मंत्री पर RO कंपनी का दबाव साफ नज़र आता है.

-BIS की ख़ुद की लैब नहीं है.

-BIS पर कैसे भरोसा करें? जिसने पानी कहां से लिया, इस बारे में कुछ भी पुख़्ता कहने को तैयार नहीं है.

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दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच तू तू मैं मैं..

पिछले कुछ दिनों से पानी की गुणवत्ता को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने केजरीवाल को 'धृतराष्ट्र' बताते हुए कहा कि वो अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर बैठ गए हैं. उन्हें लोगों का दर्द नहीं दिख रहा. 

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वहीं, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दावा किया कि है कि दिल्लीवासी शहर में आपूर्ति किए जा रहे ज़हरीले पानी से भयभीत हैं. 

वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल का आरोप है कि पानी का नमूना कहां से लिया गया, इसकी सही जानकारी नहीं दी जा रही है. इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी और केंद्रीय मंत्री पर झूठ बोलने का आरोप भी लगाया है. 

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