कांग्रेस के रणनीतिकार आनंद शर्मा का कहना है कि वरुण गांधी से कांग्रेस को कोई खतरा नहीं है बल्कि उनकी नफरत की विचारधारा से पूरे देश को खतरा है. उन्होंने कहा कि ऐसे भड़काऊ भाषणों से भाजपा का दिवालियापन सामने आता है. शर्मा ने कहा कि जब जब चुनावा आते हैं भाजपा को हिंदुत्व और भगवा की याद आती है और जैसे ही उन्हें सत्ता मिल जाती तो वो इन मुद्दों को भूल जाते हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव के समय धर्म का इस्तेमाल कर राजनीतिक लाभ उठाती है. वरुण गांधी के भड़काऊ भाषण को शर्मा ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. शर्मा ने कहा कि हिंदू धर्म भाजपा और आरएसएस की जागीर नहीं है. भाजपा नफरत की राजनीति कर रही है और ऐसी राजनीति नहीं चलेगी. उन्होंने कहा कि धर्म का राजनीति से कोई सरोकार नहीं है और हर आदमी को अपना धर्म मानने का अधिकार है.
भाजपा द्वारा मनमोहन सिंह को कमजोर प्रधानमंत्री कहने के सवाल पर शर्मा ने कहा कि आडवाणी को पीएम बनने की जल्दी है. आडवाणी अपने जीवनकाल में एक बार पीएम बनना चाहते हैं इसलिए वो ऐसे बयान देते रहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आडवाणी जी की किस्मत में पीएम बनना नहीं लिखा है और वो कुर्सी के पीछे पड़े हैं. मनमोहन सिंह की तारीफ करते हुए शर्मा ने कहा कि वो मजबूत और ईमानदार पीएम हैं.
यह पूछे जाने पर कि यूपीए सरकार में सत्ता का केंद्र 10 जनपथ है, शर्मा ने कहा कि सोनिया गांधी कांग्रेस और यूपीए दोनों की अध्यक्ष हैं इसलिए पार्टी का कोई मंत्री कोई फैसला लेने से पहले उनसे पूछेगा ही. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री के काम काज में हस्तक्षेप नहीं किया है और पीएम के पद की गरिमा को बनाए रखा है.
डिबेट के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा दोनों दलों के बीच डिबेट तो रोज हो रही है. आईपीएल के मामले पर शर्मा ने कहा कि आईपीएल से ज्यादा जरूरी चुनाव हैं और इस मामले में चुनाव आयोग से बात करनी चाहिए. उन्होंने आईपीएल गैरजिम्मेदार बताया और कहा कि आईपीएल को ना देश की चिंता है ना लोकतंत्र की.
जब उनसे यह पूछा गया कि चुनाव में किसकी जीत होगी तो उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनेगी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिलेंगी.