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कामगारों की समस्या पर मजदूर संघ चलाएगा 'सरकार जगाओ सप्ताह'

कोरोना काल में देश के मजदूर वर्ग को सबसे ज्यादा तकलीफ झेलनी पड़ी. अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं. लेकिन भारी संख्या में हुए पलायन की वजह से अभी भी कई सारे उद्योगों में कामगारों की कमी महसूस हो रही है.

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लॉकडाउन में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर घर के लिए निकलने को मजबूर हुए (फाइल फोटो: PTI)
लॉकडाउन में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर घर के लिए निकलने को मजबूर हुए (फाइल फोटो: PTI)

  • भारतीय मजदूर संघ करेगा 24 से 30 जुलाई तक राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन
  • कामगारों के हितों के लिए बीएमएस चलाएगा सरकार जगाओ सप्ताह

कोरोना काल में देश के मजदूर वर्ग को सबसे ज्यादा तकलीफ झेलनी पड़ी. अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं. लेकिन भारी संख्या में हुए पलायन की वजह से अभी भी कई सारे उद्योगों में कामगारों की कमी महसूस हो रही है. इसी बीच राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर कार्यबल की समस्याओं को लेकर भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने 24 जुलाई से 30 जुलाई तक राष्ट्रव्यापी 'सरकार जगाओ सप्ताह' का आयोजन करने का निर्णय लिया है.

बीएमएस के मुताबिक 'सरकार जगाओ सप्ताह' के दौरान प्रत्येक उद्योग-स्तरीय महासंघ और राज्य इकाइयां अपने-अपने क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं को उजागर करेंगी. प्रत्येक दिन एक विशेष क्षेत्र से संबंधित कार्यकर्ता कोविड-19 के सभी मानदंडों का पालन करते हुए जुलूस, स्ट्रीट कॉर्नर मीटिंग, पब्लिक मीटिंग या हॉल मीटिंग का संचालन करेंगे. इसके लिए भारतीय मजदूर संघ ने 5 प्रमुख ज्वलंत मुद्दों की पहचान की है.

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1) असंगठित क्षेत्र के कामगारों की समस्याएं, विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे

2) मजदूरों की मजदूरी का भुगतान न करना

3) बड़ी संख्या में नौकरियों का जाना

4) कई राज्यों में श्रम कानूनों को शिथिल करना और काम के घंटे बढ़ाना

5) पीएसयू को बेचना, रक्षा और रेलवे उत्पादन इकाइयों के निगमकरण के माध्यम से बेलगाम निजीकरण.

बीएमएस ने कर रखी है प्रदर्शन की तैयारी

24 जुलाई- योजना कार्यकर्ता (आशा, आंगनवाड़ी, मध्याह्न भोजन श्रमिक, एनएचएम श्रमिक, 108 एम्बुलेंस कार्यकर्ता आदि)

25 जुलाई- पावर सेक्टर और परिवहन क्षेत्र (निजी और सार्वजनिक परिवहन)

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26 जुलाई- निजी क्षेत्र (सीमेंट, इंजीनियरिंग, जूट, कपड़ा, चीनी, डिस्टिलरी, फार्मास्यूटिकल्स, मेडिकल रिप्रजेंटेटिव्स और इंडस्ट्रियल एस्टेट्स)

27 जुलाई- गवर्नमेंट सेक्टर (रेलवे, पोस्टल, डिफेंस, सेंट्रल गवर्नमेंट प्रतिष्ठान, स्थानीय निकाय, राज्य सरकार कर्मचारी)

28 जुलाई- वित्तीय क्षेत्र (बैंकिंग और बीमा कर्मचारी)

29 जुलाई- असंगठित क्षेत्र (बीड़ी, वृक्षारोपण, वन कर्मचारी, मछली श्रमिक, लोडिंग और अनलोडिंग श्रमिक, निर्माण श्रमिक, सिलाई श्रमिक, घरेलू कामगार, स्ट्रीट वेंडर, कृषि श्रमिक)

30 जुलाई- सार्वजनिक क्षेत्र (भेल, एनटीपीसी इत्यादि, सभी पीएसयू इकाइयां, कोयला, गैर-कोयला, खनन, इस्पात और समुद्री कर्मचारी)

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