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नेपच्यून पर एक दिन 16 घंटा लंबा

नेपच्यून (वरुण) ग्रह पर एक दिन करीब 16 घंटे का होता है. आठवें और सूर्य से सबसे दूर स्थित ग्रह की 1846 में खोज के बाद वैज्ञानिकों ने उसकी परिक्रमा के समय का आकलन कर यह निष्कर्ष निकाला. इसने सूर्य की अपनी पहली परिक्रमा इसी साल जुलाई में पूरी की.

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नेपच्यून
नेपच्यून

नेपच्यून (वरुण) ग्रह पर एक दिन करीब 16 घंटे का होता है. आठवें और सूर्य से सबसे दूर स्थित ग्रह की 1846 में खोज के बाद वैज्ञानिकों ने उसकी परिक्रमा के समय का आकलन कर यह निष्कर्ष निकाला. इसने सूर्य की अपनी पहली परिक्रमा इसी साल जुलाई में पूरी की.

लाइवसाइंस के अनुसार गैस से भरा यह ग्रह लम्बे समय से वैज्ञानिकों के लिये कौतुहल और चुनौती का विषय रहा है. खासकर उसकी परिक्रमा के आकलन को लेकर क्योंकि वह सतत गतिशील बादलों के शीर्ष पर नृत्य करता प्रतीत होता है.

एरिजोना विश्वविद्यालय के एरिक कारकोस्चका के नेतृत्व में एक दल ने लेकिन पता लगा लिया कि कैसे नेपच्यून अपनी धूरी पर घूमता है और एक दिन कितने समय में पूरा करता है. यह समय है 15 घंटे 57 मिनट और 59 सेकेंड.

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आकलन के लिये हब्बल दूरबीन से 20 साल के अंतराल में लिये गये 500 से अधिक चित्रों का विश्लेषण किया गया.

इकारस पत्रिका में छपे अध्ययन के अनुसार कारकोस्चका ने इसके बाद अध्ययन को विस्तार दिया और नासा के वायजर अंतरिक्ष यान द्वारा 1989 में लिये गये अधिक विस्तृत चित्रों का इस्तेमाल किया. इनमें उन्होंने नेपच्यून के छह अतिरिक्त आकार देखे जो नियमित तौर पर परिक्रमा करते हैं.

नासा के वायजर एक और वायजर दो अंतरिक्ष यान अस्सी के दशक में शनि यूरेनस और नेपच्यून के पास से गुजरे और उन्होंने नेपच्यून के चुम्बकीय क्षेत्र से निकलने वाले रेडियो संकेतों को पकड़ा. लेकिन उनसे परिक्रमा के आकलन के बारे में मिली सूचना स्पष्ट नहीं थी. बृहस्पति शनि और उनके चंद्रमाओं के अध्ययन के लिये दोनों अंतरिक्ष यानों को 1977 में छोडा गया था. उसके तकरीबन 34 साल बाद भी दोनों प्रोब सौर मंडल के बाहरी किनारे पर अपनी यात्रा जारी रखते हुए महत्वपूर्ण सूचनायें मुहैया कराते रहे.

इस्राइल में तेल अवीव विश्वविद्यालय के रावित हेलेद के अनुसार नेपच्यून के नजर आने वाले स्वरूपों पर कारकोस्चका का विश्लेषण इससे कहीं अधिक वैज्ञानिकों को समझने का अवसर देगा कि नेपच्यून पर कैसे सूर्य का उदय और अस्त होता है.

हेलेद का मानना है ‘यूरेनस और नेपच्यून काफी दिलचस्प ग्रह हैं और हमें उनके बारे में अधिक जानना चाहिये. खासकर अब जब सौर मंडल के बाहर कई ग्रहों को खोजा जा चुका है और ग्रहों की प्रकृति को समझने के प्रयास जोरों पर हैं.

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