देश के सबसे प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार के लिये नहीं चुने जाने से निराश शीर्ष भारतीय निशानेबाज गगन नारंग ने आज चयन प्रक्रिया की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि अब इन पुरस्कारों का चयन एथलीटों के प्रदर्शन के बजाय जनता और मीडिया की धारणा के आधार पर किया जाता है.
दुनिया के दूसरे नंबर के निशानेबाज नारंग कल म्यूनिख में 50वीं विश्व चैम्पियनशिप में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर 2012 लंदन ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय बने.
नांरग ने कहा, ‘‘मेरे साथ जो हुआ, मैं उससे बहुत निराश हूं. मेरे साथ यह लगातार तीसरी बार हुआ है. मुझे लगता है कि खेल रत्न अब जनता और मीडिया की धारणा से ही तय होता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘2009 में मैं इस पुरस्कार की दौड़ में था और 2008 में भी मैं इसमें शामिल था, लेकिन इस बार भी ऐसा हुआ जिससे काफी दुख होता है.’’
नारंग ने कहा, ‘‘लेकिन मैं अपनी बंदूक से लगातार अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं. म्यूनिख में फाइनल राउंड में नारंग ने संयम बरत कर 102 का स्कोर बनाया, जिससे उन्हें 128 निशानेबाजों में कांस्य पदक जीतने में मदद मिली. इस भारतीय ने कहा कि विश्व रिकार्ड भी उन्हें देश का शीर्ष खेल सम्मान नहीं दिला सका.
नारंग ने कहा, ‘‘मैंने जब विश्व रिकार्ड बनाया था तो मुझे लगा कि मुझे खेल रत्न मिलेगा और मैं अब भी विश्व रिकार्डधारी हूं.’’
पीटी उषा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय खेल पुरस्कार चयन समिति ने यहां 30 जुलाई को बैठक की और शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल को खेल रत्न पुरस्कार देने का फैसला किया.