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बालकृष्ण मामला: अदालत ने अंतिम सुनवाई चार नवंबर तक टाली

बाबा रामदेव के सहायक बालकृष्ण को आज तब और राहत मिली जब उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अंतिम सुनवाई चार नवंबर तक टाल दी.

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बालकृष्ण
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बाबा रामदेव के सहायक बालकृष्ण को आज तब और राहत मिली जब उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अंतिम सुनवाई चार नवंबर तक टाल दी.

बालकृष्ण पर पासपोर्ट हासिल करने के लिए फर्जी शैक्षणिक डिग्री का इस्तेमाल करने के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने का खतरा मंडरा रहा है. अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर गत 29 जुलाई को रोक लगा दी थी.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरुण अग्रवाल की अध्यक्षता वाली एक सदस्यीय पीठ ने कहा कि उन्हें सुनवाई में हिस्सा लेना है.

बालकृष्ण ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था और अपने खिलाफ सीबीआई की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी को चुनौती दी थी और अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी. स्थगनादेश देते हुए अदालत ने उनसे कहा था कि वह सीबीआई के साथ जांच में सहयोग करें और इसके समक्ष तीन अगस्त को उपस्थित हों.

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बालकृष्ण के वकील राजेंद्र डोभाल ने कहा कि उनका मुवक्किल अगस्त में देहरादून स्थित सीबीआई के कार्यालय में दो बार गया लेकिन जांच एजेंसी आवश्यक सूचना हासिल करने में विफल रही.

सीबीआई ने उसके बाद बालकृष्ण से अपनी शिक्षा से संबंधित मूल दस्तावेज पेश करने के लिए नोटिस जारी किया. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि 27 अगस्त को सीबीआई को जो लिफाफा सौंपा गया था उसमें कोई दस्तावेज नहीं था बल्कि उसमें सिर्फ राशन कार्ड था.

सीबीआई द्वारा बालकृष्ण के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किए जाने के एक दिन बाद वह गत 24 जुलाई को लापता हो गए थे. उच्च न्यायालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर 29 जुलाई को रोक लगाने के बाद वह शाम में दोबारा नजर आए.

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