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अन्ना की सभी मांगे पूरी नहीं की जा सकती :खुर्शीद

केंद्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि लोकपाल विधेयक पर अन्ना हजारे की सभी मांग नहीं मानी जा सकती और उन्हें अपने इस काम की सीमा के बारे में फैसला करना है.

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केंद्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि लोकपाल विधेयक पर अन्ना हजारे की सभी मांग नहीं मानी जा सकती और उन्हें अपने इस काम की सीमा के बारे में फैसला करना है.

खुर्शीद ने कहा, ‘हमने (टीम अन्ना के सुझाए) सभी अच्छे बिंदुओं को लोकपाल विधेयक में शामिल किया है. लेकिन उनकी कही हुई हर चीज को शामिल करने की स्थिति में हम नहीं हैं क्योंकि काफी संख्या में लोग उनसे अलग सोचते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अन्ना हजारे को एक भूमिका निभानी है और यह एक वैध कार्य है लेकिन उन्हें इस बारे में फैसला करना है कि इस कार्य की सीमा क्या होगी. सरकार इस बारे में उन्हें सलाह नहीं देगी.’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह हजारे को 27 दिसंबर से अनशन पर नहीं जाने को कहेंगे, उन्होंने इसके जवाब में कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर ऐसा नहीं कहेंगे लेकिन इस विषय पर यदि सरकार एक सामूहिक फैसला लेती है तो वह ऐसा करेंगे. ‘लेकिन (अभी) सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या यह विधेयक सीबीआई की स्वायत्तता को कम करेगा, खुर्शीद ने इसके जवाब में कहा कि सरकार और लोकपाल सहित अन्य जांच एजेंसियां सीबीआई की जांच में दखल नहीं देगी.

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खुर्शीद ने स्पष्ट किया, ‘लोकपाल चाहे तो वह किसी अन्य एजेंसी को जांच की जिम्मेदारी देने के लिए स्वतंत्र है.’ मंत्री ने कहा, ‘मैं आपको सीबीआई से ज्यादा आश्वस्त कर सकता हूं कि विधि मंत्रालय जांच की ईमानदारी को कहीं अधिक समझता है. हमने इसे (लोकपाल विधेयक) को बहुत ही सावधानी के साथ तैयार किया है और मैं नहीं मानता कि हमें इससे कोई समस्या है.’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि हजारे के आरोप के मुताबिक यदि चुनाव से भ्रष्टाचार बढ़ता है तो इसे रोकने के तरीके हैं.

खुर्शीद ने कहा, ‘हम भ्रष्टाचार के खिलाफ बलिवेदी पर लोकतंत्र की कुर्बानी नहीं दे सकते. हमें लोकतंत्र को मजबूत करने और भ्रष्टाचार को कमजोर करने के लिए एक रास्ता खोजना होगा.’ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के द्वारा टीम अन्ना पर हमलावर रूख रखने के बारे में पूछे जाने पर विधि मंत्री ने कहा कि दिग्विजय एक ‘योद्धा’ हैं. उन्होंने कहा, ‘वह तलवार चलाते हैं और हम कलम चलाते हैं.’

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