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अबू जिंदाल को पकड़ने के लिए ली गई थी कसाब की मदद

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने मुंबई हमले में प्रमुख भूमिका निभाने वाले जबिउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जिंदाल को एक लंबा गोपनीय अभियान चलाकर पकड़ने में कामयाबी पायी तथा इस हमले में उसकी सक्रिय भागदारी का संकेत 26/11 के लिए मृत्युदंड पाये अजमल कसाब से मिले कुछ महत्वपूर्ण सबूतों से हासिल हुआ.

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अजमल कसाब
अजमल कसाब

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने मुंबई हमले में प्रमुख भूमिका निभाने वाले जबिउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जिंदाल को एक लंबा गोपनीय अभियान चलाकर पकड़ने में कामयाबी पायी तथा इस हमले में उसकी सक्रिय भागदारी का संकेत 26/11 के लिए मृत्युदंड पाये अजमल कसाब से मिले कुछ महत्वपूर्ण सबूतों से हासिल हुआ.

अबू जिंदाल की तलाश और भारत में उसको लाये जाने के मामले में कसाब की मदद भी ली गयी थी. कसाब आतंकी संगठन लश्करे तैयबा द्वारा 2008 में किये गये मुंबई हमले में जीवित बचा एकमात्र पाकिस्तानी बंदूकधारी है.

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मुहैया करायी गयी खुफिया सूचनाओं के बाद पिछले साल मई के पहले हफ्ते में सउदी अरब में जिंदाल को गिरफ्तार किया गया था. उसके फौरन बाद रियाद से अधिकारियों ने भारत को उसकी गिरफ्तारी के बारे में सूचित किया था.

सउदी अधिकारियों ने उसी समय सूचित किया था कि उसका नाम रियासत अली है तथा उसके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट और कराची से जारी कंप्यूटरीकृत व्यक्तिगत पहचान पत्र है. जांच से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जंदल की फोटोग्राफ को सुरक्षित ढंग से कसाब के पास भेजा गया जो यहां के आर्थर रोड जेल में बंद है. उन्होंने कहा कि आरोपी उसे नहीं पहचान पाया.

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सूत्रों ने वांछित लोगों के बारे में पुराने पड़ चुके डाटा बेस की ओर इशारा किया खासकर महाराष्ट्र पुलिस के बारे में जिसके कारण सुरक्षा एजेंसियों को काफी चिंता भरे पलों से गुजरना पड़ा.

अबू जिंदाल को पहचाने के इस अभियान को काफी गोपनीय रखा गया तथा महाराष्ट्र पुलिस के उच्च अधिकारियों को भी इसकी भनक नहीं थी.

कसाब तथा 11 अन्य को अबू जिंदाल ने मुंबई में हिन्दी भाषा सिखायी थी और क्या करना है और क्या नहीं करना, इस बारे में सामान्य जानकारी दी थी. कसाब सहित 10 लोगों को 2008 में मुंबई यात्रा से पहले फिर एक बार प्रशिक्षण दिया गया, दो अन्य को अभियान से हटा दिया गया.

अबू जिंदाल की पहचान में विफल रहने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के पास डीएनए मिलान के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा, मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकार को 31 वर्षीय अबू जिंदाल के पिता का डीएनए नमूना हासिल करने के गोपनीय अभियान में शामिल किया गया.

डीएनए नमूना हासिल करने और अबू जिंदाल की पहचान के बारे में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का पक्ष सही साबित होने के बाद सउदी अधिकारियों ने भारत को उसके ताजा फोटोग्राफ मुहैया कराये, कसाब ने इस चित्र को फौरन पहचान लिया और यह टिप्पणी की कि वह कुछ मोटा हो गया है.

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