त्रिपुरा में बीते एक महीने में मलेरिया से 41 लोगों की जान चुकी है. खास बात यह है कि मरने वालों में 31 बच्चे शामिल हैं और यह आंकड़ा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बादल चौधरी ने ही गिनाए हैं. रविवार को हालात पर चिंता जाहिर करते हुए चौधरी ने कहा कि राज्य के बड़े हिस्से में मलेरिया ने महामारी जैसा रूप ले लिया है.
संवाददाताओं से बात करते हुए चौधरी ने कहा, 'महामारी जैसा रूप ले रहे मलेरिया से कम से कम 41 लोग मारे गए हैं, जिनमें 31 बच्चे हैं. ढलाई, गोमती, खोवई, उत्तर त्रिपुरा और दक्षिण त्रिपुरा जिलों के आदिवासी बहुल इलाकों में मलेरिया विषाणु ने कम से कम 22,000 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है.'
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने रविवार को अवधेश कुमार की अगुवाई में मलेरिया विशेषज्ञों की एक टीम भेजी है ताकि वह बीमारी को काबू में करने के उपायों की निगरानी करे. यह टीम दूसरी पीढ़ी की दवाओं के इस्तेमाल के बाबत अपने सुझाव भी देगी.
मंत्री बादल चौधरी ने कहा कि मंत्रालय द्वारा एक अन्य टीम भेजी जाएगी, जिसकी अध्यक्षता मलेरिया मामलों के क्षेत्रीय निदेशक सत्यजीत सेन करेंगे. इससे पहले मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने शनिवार को मंत्रियों और उच्चाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की थी और प्रशासन को निर्देश दिया था कि वह बीमारी को रोकने के हरसंभव उपाय करे.