राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मनमुटाव एक बार फिर सामने आया है. अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के एक बयान पर कटाक्ष किया है. पहलू खान केस में एसआईटी के गठन को लेकर देरी के आरोप का जवाब देते हुए अशोक गहलोत ने कहा ये अपने-अपने अनुभव की बात है.
दरअसल, राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा था कि गहलोत सरकार को पहलू खान केस में पहले ही एसआईटी का गठन कर देना चाहिए था. सचिन पायलट ने ये भी कहा कि अगर एसआईटी का गठन पहले कर देते तो मामले के अनेक पहलुओं की जांच की जाती. हो सकता था कि निचली अदालत से आरोपी बरी नहीं होते.
बता दें कि 14 अगस्त को अलवर कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को बरी कर दिया था. अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपियों को बरी कर दिया. पहलू खान 1 अप्रैल 2017 को जयपुर से दो गाय खरीदकर वापस अपने घर जा रहे थे. रास्ते में भीड़ ने न सिर्फ उनकी गाड़ी को रुकवाया बल्कि पहलू खान और उसके बेटों के साथ क्रूरतापूर्वक मारपीट की थी. इलाज के दौरान पहलू खान की मौत हो गई थी.
माना जा रहा है कि पिछले कुछ समय से पायलट और गहलोत आमने-सामने की लड़ाई के लिए तैयार हो रहे हैं. दोनों नेताओं में छत्तीस का आंकड़ा तब सामने आया था जब गहलोत ने बजट पेश करने के बाद बोला था कि लोग चाहते थे कि वह मुख्यमंत्री बनें.
गहलोत ने मोदी सरकार पर बोला हमला
वहीं अशोक गहलोत ने कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार की गिरफ्तारी पर भी बयान दिया है. उन्होंने मोदी सरकार को घेरा है. गहलोत ने कहा कि साढ़े पांच साल में बीजेपी के बैकग्राउंड वाले किसी भी नेता पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. सीबीआई, इनकम टैक्स ने इन नेताओं के घर पर कभी छापा नहीं मारा.
गहलोत ने ये भी कहा कि लोकतंत्र में चुनाव के द्वारा जवाब दिया जाता है. लोगों को राष्ट्रवाद के नाम पर गुमराह किया गया और समय आने पर जनता जवाब देगी.
वहीं अशोक गहलोत ने कहा कि जो लोग धर्म और जाति के नाम पर लोगों को भड़काते हैं उसपर मैं चिंतित हूं. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे असामाजिक तत्वों की बातों में न आएं.
उन्होंने कहा कि वे खुद पीछे रहते हैं, गरीबों को आगे करते हैं और दंगे करवाते हैं. बता दें कि अगस्त में 3 दिन तक हुई हिंसक घटनाओं के बाद राजधानी जयपुर के 15 इलाकों में धारा 144 लगानी पड़ी थी. शहर के कई इलाकों में तनाव का माहौल था. हिंसक घटनाओं की वजह से कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी थी. इंटरनेट सेवा को रोक दिया गया था.