बटाला फायरिंग में जिस महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई, वह कथित तौर पर पंजाब के कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की मां हरजीत कौर थीं. इस हमले ने एक बार फिर उस नाम को सुर्खियों में ला दिया है, जो कभी पंजाब की मिट्टी से कबड्डी खेलने निकला था, लेकिन आज अंतरराष्ट्रीय अपराधी के रूप में जाना जाता है.
गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया अब लॉरेंस बिश्नोई का कट्टर विरोधी बन चुका है. वह पंजाब के गुरदासपुर जिले के भगवानपुर गांव का रहने वाला है. एक वक्त था, जब वह एक उम्दा कबड्डी खिलाड़ी माना जाता था, लेकिन वक्त के साथ वह अपराध की दुनिया में दाखिल हो गया.
साल 2015 से वह जेल में बंद है. उसके खिलाफ हत्या, लूट, जबरन वसूली, अवैध हथियारों की सप्लाई और नशा तस्करी जैसे 128 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. पंजाब में वह ‘वसूली किंग’ के नाम से कुख्यात है. कनाडा में भी उस पर हत्याओं के आरोप हैं.

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जग्गू भगवानपुरिया का नाम पंजाब में चल रहे अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स और हथियार तस्करी नेटवर्क से भी जुड़ा है. माना जाता है कि उसका नेटवर्क पाकिस्तान और कनाडा तक फैला है और सीमापार से वह नशीले पदार्थों की तस्करी करवाता था.
साल 2025 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए उसे पंजाब की बठिंडा जेल से असम की जेल में शिफ्ट करवाया. दरअसल, पंजाब की जेल में उसे लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जान का खतरा था.
कभी लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़, जग्गू के करीबी दोस्त माने जाते थे, लेकिन अब इन तीनों के रास्ते अलग हो चुके हैं. लॉरेंस और गोल्डी का आरोप था कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बाद जग्गू ने ही दो शूटरों की जानकारी पंजाब पुलिस को दी थी, जिसके बाद पंजाब पुलिस ने एनकाउंटर में दोनों को मार गिराया था. इसी आरोप के बाद इन लॉरेंस और गोल्डी ने जग्गू से दूरी बना ली थी.
जग्गू खुद भी सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का आरोपी है. उस केस में उसकी भूमिका की जांच चल रही है. जग्गू ने क्राइम से कमाए गए पैसों से कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में अपना व्यापार फैलाया हुआ है. कब्बड्डी में भी फिक्सिंग का सबसे बड़ा काम जग्गू का ही चलता है.