भारतीय किसान यूनियन (उगराहन) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के बैनर तले हजारों किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू किया है. चंडीगढ़ के सेक्टर 34 से मटका चौक तक पांच दिवसीय प्रदर्शन की शुरुआत की गई है. इसका मकसद पंजाब सरकार पर दबाव बनाना है, जहां उन्होंने कृषि नीतियों को लागू करने की मांग रखी है.
किसान नेताओं ने बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन ने महिलाओं समेत लगभग एक हजार किसानों को मटका चौक तक मार्च निकालने की इजाजत दी है. भारतीय किसान यूनियन (उगराहन) के नेता जोगिंदर सिंह उगराहन ने इस मार्च की अगुवाई की, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए.
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कोचिंग संस्थानों ने किया छुट्टी का ऐलान
मटका चौक चंडीगढ़ में एक गोल चक्कर को कहा जाता है. सेक्टर 34 एक शैक्षिक और व्यावसायिक केंद्र भी है. प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए, कई निजी कोचिंग संस्थानों ने सोमवार को छुट्टी का ऐलान कर दिया.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे मार्च के अंत में अपनी मांगों का ज्ञापन सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) और विपक्षी नेताओं को सौंपेंगे. पहले किसान नेताओं ने विधानसभा की तरफ मार्च करने की योजना बनाई थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें सिर्फ मटका चौक तक ही मार्च करने की इजाजत दी.
ट्रैक्टर-ट्रॉली से पहुंचे किसान
पंजाब के विभिन्न हिस्सों से रविवार को किसान बसों, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और अपने निजी वाहनों से चंडीगढ़ के सेक्टर 34 के दशहरा मैदान पहुंचे हैं. प्रशासन ने उन्हें प्रदर्शन के लिए मैदान आवंटित किया.
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क्या किसानों की मांग?
किसान आरोप लगा रहे हैं कि पंजाब सरकार द्वारा कृषि नीति को लागू करने में देरी हो रही है. उनका कहना है कि दो साल से ज्यादा समय से शासन कर रही AAP सरकार ने अभी तक वादा की गई कृषि नीति को लागू नहीं किया है.
पंजाब खेत मजदूर यूनियन के महासचिव लछमन सिंह सेवेवाला ने बताया कि किसानों की अन्य मांगों में रसायन मुक्त फसलों का प्रमोशन, आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा, और राज्य में नशे की समस्या को नियंत्रित करने की मांग शामिल है.