देश में दंगों के इतिहास और प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को लेकर गरमागरम बहस जारी है. इस कानून के तहत 15 अगस्त 1947 तक किसी भी पूजा स्थल के स्वरूप को नहीं बदला जा सकता. काशी और मथुरा के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मोहन भागवत ने बयान दिया. एक पक्ष का कहना है कि यह कानून संविधान के विरुद्ध है, जबकि दूसरा पक्ष इसे देश की धर्मनिरपेक्षता के लिए आवश्यक मानता है. देखें बहस.