कर्नाटक कांग्रेस में जारी नेतृत्व विवाद के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे और MLC यतिंद्र सिद्धारमैया ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है. डीके शिवकुमार समर्थकों की बढ़ती सक्रियता और सत्ता हस्तांतरण की उठती मांगों के बीच उन्होंने साफ कहा है कि पार्टी को अपने वादे पर कायम रहना चाहिए, लेकिन इस समय मुख्यमंत्री बदलने जैसी कोई स्थिति नहीं है.
यतिंद्र ने कहा, “हमें दिए गए वादे के अनुसार ही आचरण करना चाहिए और हाईकमान को जो भी भरोसा दिलाया गया है, उसी पर चलना चाहिए. मुख्यमंत्री ने भी यही कहा है कि जो वादा किया है, उस पर अमल होगा. ये बात किसके लिए कही गई है, मुझे नहीं पता, लेकिन यह उनका स्पष्ट रुख है.”
उन्होंने मौजूदा विवाद पर अपनी व्यक्तिगत राय रखते हुए कहा कि सिद्धारमैया के खिलाफ कोई आरोप नहीं है, न कोई भ्रष्टाचार का मामला है और न ही शासन को लेकर कोई शिकायत सामने आई है. ऐसे में, मुख्यमंत्री बदलने का सवाल ही नहीं उठता. यतिंद्र ने कहा, “राज्य में स्थिर और प्रभावी शासन चल रहा है, विधायक भी उनके साथ हैं. इसलिए मुझे इस समय बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं दिखती.”
'पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे सिद्धारमैया'
उन्होंने उन नेताओं पर भी निशाना साधा, जो सरकार के आधे कार्यकाल के बाद नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे हैं. यतिंद्र ने कहा कि यदि किसी को मुख्यमंत्री बदलने की इच्छा है तो उन्हें यह मामला हाईकमान के सामने रखना चाहिए. हाईकमान के निर्णय से पहले इस विषय पर कोई सार्वजनिक राय रखना उचित नहीं है. पार्टी नेतृत्व जो भी फैसला करेगा, हम सभी को उसका पालन करना चाहिए.
यतिंद्र ने यह भी दोहराया कि उनकी व्यक्तिगत राय में सिद्धारमैया को पूरा पांच साल का कार्यकाल मिलना चाहिए, क्योंकि उन्होंने स्थिरता और प्रशासनिक मजबूती दी है. आज की स्थिति में मुझे पूरा विश्वास है कि सिद्धारमैया पांच साल का कार्यकाल जरूर पूरा करेंगे.
यतिंद्र का यह बयान ऐसे समय आया है जब डीके शिवकुमार समर्थक खुले तौर पर सत्ता हस्तांतरण की मांग कर रहे हैं और वोक्कालिगा मठ तक इस मुद्दे पर मुखर हो चुका है. दूसरी तरफ, कांग्रेस हाईकमान अगले कुछ दिनों में दिल्ली में सिद्धारमैया, शिवकुमार और राहुल गांधी सहित वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाने जा रहा है.
सिद्धारमैया से आरपार के मूड में शिवकुमार!
बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस सीएम पद को लेकर लंबे समय से अंतर्कलह से जूझ रही है. मौजूदा सीएम सिद्दारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच सियासी टकराव खुलकर सामने आ गई है. जानकारी के मुताबिक शिवकुमार के समर्थक विधायकों ने दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद रोटेशन के लिए 2023 के 'सत्ता-साझाकरण' वादे को लागू का दबाव बनाया. इस बैकग्राउंड में मंगलवार को डीके शिवकुमार और सतीष जरकीहोली के बीच बैठक हुई, जिसका मुख्य केंद्र दोनों के बीच मतभेदों को सुलझाना था.
चर्चा है कि सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अपना ढाई साल का कार्यकाल 20 नवंबर को पूरा कर चुकी है. अब डीके शिवकुमार के समर्थक और विधायक अब मुख्यमंत्री को बदलने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए 18 मई 2023 के उस कथित समझौते की याद दिलाई जा रही है, जिसमें ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री बनने का फार्मूले पर समझौता हुआ था. डीके शिवकुमार इसी समझौते के तहत सीएम बनने के लिए खुलकर उतर गए हैं. उन्होंने हाल ही में एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा था, "अपनी बात पर कायम रहना दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है!"