लैंड फॉर जॉब मामले में करीब 7 घंटे तक चली पूछताछ के बाद मीसा भारती ईडी दफ्तर और तेजस्वी यादव सीबीआई दफ्तर से निकले. दरअसल, सीबीआई और ईडी ने शनिवार को बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और मीसा भारती को पूछताछ के लिए बुलाया था. सीबीआई के सामने पेश होने से पहले तेजस्वी ने कहा कि हम लड़ेंगे और हम जीतेंगे. हम जानते हैं कि हमें लड़ना होगा. इधर सपा मुखिया अखिलेश यादव शनिवार को मीसा भारती के घर पहुंचे. यहां उन्होंने कहा भाजपा ने तो न जाने कितने लोगों का अपमान किया है.
वहीं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो गई हैं. उनका कहना कि उनकी बहू अस्पताल में भर्ती है और उन्हें से मिलने के लिए वह दिल्ली आ रही हैं. तेजस्वी यादव और मीसा भारती पूछताछ पर बोलीं कि सरकार और न्यायालय के कहे पर चल रहे हैं.
#WATCH | Delhi: We have always cooperated with the agencies but the situation in the country is that it has become very difficult to fight but we have decided to fight against this and we will win: Bihar Deputy CM Tejashwi Yadav pic.twitter.com/3loMPAW0Ba
— ANI (@ANI) March 25, 2023
हम लड़ेंगे और जीतेंगेः तेजस्वी
सीबीआई दफ्तर जाने से पहले तेजस्वी यादव ने कहा कि 'हमने हमेशा जांच एजेंसियों का सहयोग किया है, लेकिन जो देश में माहौल है, वह आप देख रही रहे हैं. झुकना आसान हो गया है, जबकि लड़ना बहुत मुश्किल है, लेकिन हमने इसके खिलाफ लड़ने का फैसला किया है. हम लड़ेंगे और जीतेंगे. बता दें, तेजस्वी सीबीआई दफ्तर पहुंच गए हैं, जहां उनसे लैंड फार जॉब स्कैम मामले में पूछताछ की जाएगी.'
कुछ दिन पहले दिल्ली की अदालत में हुई थी पेशी
बता दें कि जमीन के बदले नौकरी मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती की पिछले दिनों दिल्ली की एक अदालत में पेशी हुई थी. जिसमें उन्हें जमानत मिल गई थी. अब लैंड फॉर जॉब स्कैम केस में तेजस्वी यादव से पूछताछ सीबीआई कर रही है.
ऐसे हुआ था घोटाला
सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में दायर अपनी पहली चार्जशीट में कहा है कि भर्ती के लिए इंडियन रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए मध्य रेलवे में उम्मीदवारों की अनियमित तरीके नियुक्तियां की गईं थीं. सीबीआई ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले म्मीदवारों और उनके परिवार लोगों के मालिकाना हक वाली जमीनें अपनी पत्नी राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर ट्रांस्फर करा ली थीं, जो सर्किल दरों के साथ-साथ उस समय के बाजार दरों से भी काफी कम थीं.