
कांग्रेस वर्किंग कमेटी में पार्टी के नेतृत्व को लेकर आरपार की लड़ाई छिड़ गई है. बैठक की शुरुआत में सोनिया गांधी की ओर से अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की बात कही है, लेकिन बाद में राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को ही लताड़ लगा दी. राहुल ने आरोप लगाया कि चिट्ठी लिखने वाले भाजपा को फायदा पहुंचा रहे हैं. राहुल का ये बयान कई नेताओं को रास नहीं आया, जिसके बाद पार्टी की बैठक से लेकर ट्विटर तक हंगामा शुरू हो गया.
सबसे पहले कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्विटर का सहारा लिया और राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार कर दिया. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लिखा, ‘राहुल गांधी कह रहे हैं हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं. मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में पार्टी को बचाया. पिछले 30 साल में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी भी मसले पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाए. फिर भी कहा जा रहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं.’

हालांकि, इस ट्वीट के बाद कपिल सिब्बल ने अपने ट्विटर पर लिखा कि राहुल गांधी ने खुद उन्हें बताया कि उन्होंने ऐसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है. ऐसे में मैं अपना पुराना ट्वीट हटा रहा हूं.
Was informed by Rahul Gandhi personally that he never said what was attributed to him .
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 24, 2020
I therefore withdraw my tweet .
कपिल सिब्बल के अलावा संजय झा ने भी ट्विटर के जरिए वार किया. संजय झा ने ट्वीट कर लिखा कि प्रिय राहुल जी, अगर हम लोग भाजपा के साथ जुड़े हैं, तो बोरिस जॉनसन एक फेयरनस की क्रीम हैं.
Dear Rahul Ji
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) August 24, 2020
If we are colluding with the BJP, then Boris Johnson is a fairness cream.
कपिल सिब्बल के ट्वीट पर रणदीप सुरजेवाला ने पलटवार किया. सुरजेवाला ने लिखा कि राहुल गांधी ने इस तरह के किसी शब्द का कोई इस्तेमाल नहीं किया है, ऐसे में किसी तरह की अफवाह में ना आएं. लेकिन हमें मोदी सरकार के खिलाफ एक साथ लड़ना होगा.
Sh. Rahul Gandhi hasn’t said a word of this nature nor alluded to it.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 24, 2020
Pl don’t be mislead by false media discourse or misinformation being spread.
But yes, we all need to work together in fighting the draconian Modi rule rather then fighting & hurting each other & the Congress. https://t.co/x6FvPpe7I1
इन नेताओं के अलावा गुलाम नबी आजाद ने भी इस्तीफा देने की पेशकश कर दी. दरअसल, राहुल गांधी ने जब चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को भाजपा का मददगार बताया, तो गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो इस्तीफा दे देंगे, चिट्ठी लिखने का फैसला सिर्फ कार्यसमिति का रहा.
चिट्ठी लिखने के लिए ये टाइमिंग क्यों चुनी गई. पार्टी अभी मध्य प्रदेश और राजस्थान में लड़ रही है, सोनिया गांधी भी बीमार हैं.
गौरतलब है कि जिन 23 नेताओं ने चिट्ठी लिखकर कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे, उनमें गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल भी शामिल थे. ऐसे में बैठक में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ने इन नेताओं पर सवाल उठाया और टाइमिंग को लेकर निशाना साधा.