अयोध्या में मंगलवार को राम मंदिर निर्माण के औपचारिक समापन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भव्य ध्वजारोहण समारोह को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता वारिस पठान का विवादास्पद बयान सामने आया है. जहां एक ओर पूरा देश अयोध्या में आयोजित उत्सव को देख रहा था, वहीं एआईएमआईएम नेता ने बाबरी मस्जिद को लेकर अपनी पार्टी का पुराना रुख दोहराया.
वारिस पठान का विवादित बयान राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराए जाने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए वारिस पठान ने कहा, "हमारा तो आज भी मानना हैं कि वहां मस्जिद थी, वो है और कयामत तक रहेगी."
पठान ने न केवल मंदिर-मस्जिद मुद्दे पर टिप्पणी की, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान की शपथ ली है और वे सिर्फ एक समुदाय के प्रधानमंत्री नहीं, पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि BJP और उसके नेता मुसलमानों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया रखते हैं. पठान ने कहा, “मोदी जी विदेश जाते हैं तो मुसलमानों को गले लगाते हैं, लेकिन हिंदुस्तान के मुसलमानों से इन्हीं के लोग नफरत करते हैं. इनके नेता रोज मुसलमानों के खिलाफ अनाप-शनाप बातें करते हैं."
AIMIM नेता ने यह भी आरोप लगाया कि मुसलमानों की धार्मिक पहचान और संस्थानों को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मस्जिदों पर बुलडोजर चलाना, मदरसों को निशाने पर लेना और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के बावजूद मस्जिदों में अजान पर आपत्ति जताना BJP की सोच को उजागर करता है. उन्होंने कहा, “इनको हमारी मस्जिद से नफरत है, मदरसों से नफरत है. हमारी मस्जिदों को बुलडोजर से उड़ाने की बात करते हैं.”
उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास कहना काफी नहीं है, बल्कि व्यवहार में भी यह दिखना चाहिए. उन्होंने जोड़ा कि देश सब कुछ देख रहा है और अब जनता चाहती है कि सभी समुदायों के साथ बराबरी और सम्मान से पेश आया जाए.
राम मंदिर पर हुआ भव्य ध्वजारोहण
बता दें कि वारिस पठान का यह बयान उस दिन आया है जब अयोध्या में 'विवाह पंचमी' के शुभ अवसर पर एक ऐतिहासिक अनुष्ठान संपन्न हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति में राम मंदिर के शिखर पर 10 फीट ऊंचा और 20 फीट चौड़ा विशेष ध्वज फहराया.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राम मंदिर का पूरा होना सदियों पुराने घावों और दर्द के भरने का प्रतीक है. उन्होंने इसे भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान का क्षण बताया. वहीं, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भगवा ध्वज को धर्म का प्रतीक बताया जो व्यक्तिगत जीवन से लेकर पूरे परिवार और सृष्टि में सामंजस्य स्थापित करता है.
उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 500 से अधिक कलाकारों ने बृज, अवधी, बुंदेलखंडी और पूर्वांचली लोक कलाओं का प्रदर्शन किया. सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच, हजारों श्रद्धालुओं ने जय श्री राम के उद्घोष के साथ इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए मंदिर परिसर में उपस्थिति दर्ज कराई.