केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गए.
मुंडे के पैतृक गांव परली में उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया.
मुंडे की बड़ी बेटी पंकजा ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी.
परली गांव में अपने चहेते नेता को श्रद्धांजलि देने भारी भीड़ उमड़ी.
उनकी
अंतिम यात्रा के दौरान 'गोपीनाथ मुंडे अमर रहें' और 'जब तक सूरज चांद
रहेगा, मुंडे तेरा नाम रहेगा...' जैसे नारे लगाए.
मुंडे का पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर के जरिये लातूर से परली लाया गया.
गमगीन परिवार को हौसला बंधाने की जिम्मेदारी जैसे मुंडे की भांजी पूनम महाजन ने अपने सिर ले ली थी.
उनका शरीर पहुंचने के साथ ही यहां मौजूद भारी भीड़ बेकाबू हो गई. पुलिस ने हालात संभालने की कोशिश की तो भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया.
खुद मुंडे की बेटी ने माइक संभाला और लोगों से संयम बरतने की अपील की.
दूर-दराज के इलाकों से आए लोग मुंडे के शव को देखते जाते थे और आगे बढ़ते जाते थे.
मुंडे के अंतिम संस्कार में अलग-अलग पार्टियों के दिग्गज नेता मौजूद रहे. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर, मनोहर पर्रिकर,
राजीव प्रताप रूडी और रामदास अठावले भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
गोपीनाथ मुंडे की मंगलवार सुबह दिल्ली में सड़क हादसे में मौत हो गई थी.
एयरपोर्ट जा रहे मुंडे की कार ने रेड लाइट सिग्नल तोड़ा और हादसे का शिकार
हो गई. जख्मी मुंडे को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां
करीब साढ़े सात बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों ने
बताया कि मुंडे को अंदरूनी चोट लगने से उनका लीवर फट गया था.
64 साल के मुंडे इस बार लोकसभा चुनाव में बीड सीट से चुने गए थे. उन्हें 26 मई को सरकार के शपथ ग्रहण में बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ दिलाई गई थी. केंद्रीय मंत्री बनने के बाद मुंडे अपने लोकसभा क्षेत्र में सम्मान समारोह में हिस्सा लेने जा रहे थे.