संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शिक्षा और स्वास्थ्य के बढ़ते खर्च और घटती गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की है. भागवत ने कहा कि ये दोनों क्षेत्र अब आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गए हैं. पहले इन्हें सेवा माना जाता था, लेकिन अब ये व्यवसाय बन गए हैं, निजी स्कूलों में प्रति बच्चे सालाना दो से पांच लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं. सुने पूरा बयान.