अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं. स्वीडन के वैराइटीज ऑफ डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट (V-Dem) ने भारत को 'इलेक्टोरल ऑटोक्रेसी' बताया था, जबकि नेपाल को 'इलेक्टोरल डेमोक्रेसी' कहा था. इसी तरह, हैप्पीनेस इंडेक्स में भी भारत को नेपाल से पीछे रखा गया था. हालांकि, नेपाल में लोग अपनी सरकार को तानाशाह बताकर उसे उखाड़ फेंकने की बात कह रहे थे, जबकि भारत में ऐसी स्थिति कभी नहीं बनी.