बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभागार में '20 साल 20 सवाल' अभियान के तहत एक पत्रकार वार्ता आयोजित की गई. इस वार्ता में एक नौजवान सांसद ने सामाजिक न्याय के मुद्दे पर बात की. उन्होंने 'जूता और कलम' की विचारधाराओं के बीच संघर्ष को रेखांकित किया. 'जूते की विचारधारा' को आजादी के संघर्ष से दूर रहने वालों और संविधान की प्रतियां जलाने वालों से जोड़ा गया, जो वंचित वर्गों को आगे बढ़ने से रोकना चाहते हैं. वहीं, 'कलम की विचारधारा' को बाबा साहब के सपनों और गरीब, असहाय तथा वंचित वर्ग को सशक्त बनाने से संबंधित बताया गया.