नए साल के अवसर पर जम्मू के रियासी जिले में स्थित वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा नियमों में बदलाव किया है. चढ़ाई और उतराई दोनों के लिए नए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनका उद्देश्य भवन क्षेत्र में भीड़भाड़ रोकना, दुर्घटनाओं का जोखिम कम करना, मंदिर ट्रैक पर बेहतर भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है.
संशोधित नियमों के तहत, श्रद्धालुओं को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन कार्ड (RFIDC) प्राप्त करने के 10 घंटे के अंदर यात्रा शुरू करनी होगी. दर्शन पूरा करने के बाद कटरा बेस कैंप लौटने के लिए अधिकतम 24 घंटे का समय दिया गया है. ये नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं. पहले RFID कार्ड लेने के बाद यात्रा शुरू करने की कोई सख्त समय सीमा नहीं थी. श्रद्धालु किसी वक्त भी चढ़ाई शुरू कर सकते थे और दर्शन के बाद भवन क्षेत्र में कई दिन तक रुक सकते थे, जिससे अक्सर भीड़भाड़ और जाम की स्थिति बन जाती थी.
कटरा से माता वैष्णो देवी भवन तक की दूरी लगभग 13 किलोमीटर है. यात्रा पैदल, घोड़े, पिट्ठू, बैटरी कार या हेलीकॉप्टर से की जा सकती है. एक स्वस्थ्य व्यक्ति को पैदल चढ़ाई में 6 से 8 घंटे और उतरने में भी लगभग इतना ही समय लगता है. सामान्य दिनों में यात्रा 24 से 36 घंटे में पूरी हो जाती है, लेकिन नए साल के अवसर पर भीड़ की वजह से इसमें ज्यादा वक्त लग सकता है.
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— AajTak (@aajtak) December 23, 2025
माता वैष्णो देवी धाम कैसे पहुंचें
रेल मार्ग: जम्मू तवी रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा है. यहां से कटरा लगभग 50 किलोमीटर दूर है, जहां बस या टैक्सी से करीब डेढ़ घंटे में पहुंचा जा सकता है.
हवाई मार्ग: कटरा से जम्मू एयरपोर्ट की दूरी 70 किमी और श्रीनगर एयरपोर्ट की दूरी 200 किमी के आसपास है. दोनों जगहों से बस या टैक्सी से कटरा पहुंचा जा सकता है.
सड़क मार्ग: जम्मू और पठानकोट से कटरा के लिए नियमित बस और प्राइवेट टैक्सी उपलब्ध होते हैं. कटरा पहुंचने के बाद श्रद्धालु पैदल, बैटरी कार, घोड़े-पिट्ठू या हेलीकॉप्टर से भवन जा सकते हैं.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है, जो श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से किया जा सकता है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कटरा रेलवे स्टेशन पर रजिस्ट्रेशन सेंटर रात 12 बजे तक खुला रहता है. श्राइन बोर्ड का कहना है कि नए नियमों से यात्रा ज्यादा सुरक्षित और व्यवस्थित होगी. ट्रैक पर भीड़भाड़ कम होगी, बीमारी या खराब मौसम जैसी आपात स्थिति में तेज रेस्क्यू संभव होगा. यह नियम विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए फायदेमंद होगा. मंदिर परिसर में भीड़ कम होने से दर्शन जल्दी होंगे और प्रतीक्षा समय घटेगा. श्राइन बोर्ड ने स्पष्ट किया कि नए नियमों का मकसद श्रद्धालुओं को असुविधा पहुंचाना नहीं, बल्कि नए साल की भीड़ में बेहतर क्राउड मैनेजमेंट और सुरक्षित दर्शन सुनिश्चित करना है.