केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को मीडिया के सामने आने वाली चार बड़ी चुनौतियों के बारे में बात की. उन्होंने 'बिग टेक' से अधिक जवाबदेही और निष्पक्षता की अपील की. 'बिग टेक' को 'टेक जायंट्स' या 'टेक टाइटन्स' के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनियां शामिल हैं- अल्फाबेट, अमेजन, एप्पल, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट.
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर दिल्ली में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री ने फेक न्यूज, एल्गोरिथम बायस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेयर कंपनसेशन को शीर्ष चिंताओं के रूप में सूचीबद्ध किया.
'लोकतंत्र के लिए खतरा है फेक न्यूज'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्लेटफॉर्म ऑनलाइन पोस्ट की गई जानकारी को वैरिफाई नहीं करते हैं, जिसके कारण सभी प्लेटफॉर्म पर 'झूठी और भ्रामक जानकारी' फैल जाती है. उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और बिग टेक से गलत सूचना से निपटने और लोकतंत्र की रक्षा करने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, 'फेक न्यूज का तेजी से प्रसार न केवल मीडिया के लिए एक बड़ा खतरा है क्योंकि यह विश्वास को कमजोर करता है बल्कि यह लोकतंत्र के लिए भी एक बड़ा खतरा है.'
'सेफ हार्बर पर विचार करने की जरूरत'
अश्विनी वैष्णव ने 'सेफ हार्बर' प्रावधान पर फिर से विचार करने का भी प्रस्ताव रखा, जो मेटा, एक्स, टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यूजर जेनरेटेड कंटेंट के दायित्व से बचाता है. उन्होंने तर्क दिया कि 1990 के दशक में बना एक प्रावधान, डिजिटल मीडिया की व्यापक पहुंच और प्रभाव को देखते हुए अब उपयुक्त नहीं हो सकता है.