पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद मिमी चक्रवर्ती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. मिमी चक्रवर्ती ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को इस्तीफा सौंपा है.अभिनेत्री का कहना है कि वह अपनी सीट पर टीएमसी के स्थानीय नेतृत्व से नाखुश हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में मिमी चक्रवर्ती ने जादवपुर सीट से जीत हासिल की थी.
मिमी ने कहा कि वह अपनी सीट पर टीएमसी के स्थानीय नेतृत्व से नाखुश हैं. दरअसल, उन्होंने अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष को नहीं सौंपा है, इसलिए तकनीकी तौर पर उन्होंने सिर्फ अपने फैसले की घोषणा की है. इसे औपचारिक इस्तीफे के रूप में नहीं माना जाएगा.
मिमी चक्रवर्ती बंगाली इंडस्ट्री में मशहूर नाम है. मिमी का जन्म 11 फरवरी 1989 में पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था. मिमी चक्रवर्ती ने 2012 में फिल्म चैंपियन से करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने बंगाली इंडस्ट्री में 25 से ज्यादा सफल फिल्मों में काम किया. मिमी की लोकप्रियता को देखते हुए 2019 में उन्हें टीएमसी ने उम्मीदवार बनाया था.
मिमी चक्रवर्ती से मुकाबले के लिए बीजेपी ने अनुपम हाजरा को टिकट दिया था, जबकि सीपीएम की ओर से मुकाबले में विकास रंजन भट्टाचार्य थे. लेकिन मिमी चक्रवर्ती ने अपनी लोकप्रियता, ममता के चेहरे और सोनार बांग्ला के सपने के दम पर बंगाल में मोदी लहर को सफलतापूर्वक रोक दिया था. उन्होंने बीजेपी नेता अनुपम हाजरा को लगभग 2 लाख 95 हजार वोटों के भारी भरकम मार्जिन से हराया. सीपीएम तीसरे स्थान पर रही थी.
TMC नेता ने मिमी पर लगाए थे ये आरोप
पश्चिम बंगाल सरकार में राज्य मंत्री श्रीकांत महतो ने TMC की सांसद मिर्मी चक्रवर्ती समेत अन्य बड़े नेताओं पर पैसे लूटने का दावा किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि मिमी चक्रवर्ती, जून मालिया, सयानी घोष, सयंतिका बनर्जी, नुसरत जहां जैसे नेता पैसे लूट रहे हैं. उन्होंने कहा था कि अगर ये नेता पैसे लूटकर पार्टी के लिए संपत्ति बन जाते हैं, तो हम मंत्री नहीं रहना चाहते हैं. लोग कह रहे हैं कि इस कैबिनेट के सभी मंत्री चोर हैं. पार्टी उन चोरों की ही सुनेगी. हमें नए रास्ते तलाशने होंगे. हमें इसके खिलाफ एक आंदोलन खड़ा करना होगा.