पुणे के सिंहगढ़ किले से लापता हुआ तेलंगाना का 24 साल का युवक गौतम अजिनाथ गायकवाड़ आखिरकार चार दिन बाद जिंदा मिल गया. उसकी तलाश में पुलिस, एनडीआरएफ, फॉरेस्ट और गांववालों की करीब 60 लोगों की टीम लगातार जुटी थी. तीन दिन तक कोई सुराग नहीं मिला, लेकिन चौथे दिन स्थानीय लोगों ने उसे किले के ही अंदर तानाजी मालुसरे स्मारक के पास देखा.
कैसे गायब हुआ था?
20 अगस्त को गौतम अपने दोस्तों के साथ सिंहगढ़ घूमने आया था. शाम करीब 4 बजे उसने दोस्तों से कहा कि वह 'नेचर कॉल' के लिए जा रहा है, लेकिन वापस नहीं लौटा. उसके दोस्तों को किले की खाई के पास उसकी एक चप्पल मिली. घबराकर उन्होंने पुलिस को सूचना दी.
तलाशी हुई तेज, पर मिली नाकामी
सूचना मिलते ही हवेली पुलिस, आपदा प्रबंधन, फायर ब्रिगेड और स्थानीय लोगों के साथ सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ. घाटियों, पानी के सोर्स और किले के आसपास के पूरे इलाके को खंगाला गया. यहां तक कि कोंधनपुर फाटा के सीसीटीवी फुटेज में एक संदिग्ध शख्स दिखने के बाद उस दिशा में भी तलाशी बढ़ाई गई, लेकिन तीन दिन तक कुछ हाथ नहीं लगा.
चौथे दिन अचानक मिला सुराग
24 अगस्त को जब प्रशासन ऑपरेशन बंद करने की तैयारी कर रहा था, तभी गांववालों ने किले के अंदर बने तानाजी मालुसरे स्मारक के पास गौतम को देखा. वह कमजोर हालत में था और बार-बार 'मम्मी, मम्मी' पुकार रहा था. तुरंत पुलिस को खबर दी गई और टीम ने उसे अस्पताल पहुंचाया.
हालत स्थिर, लेकिन जांच सवालों में
पुलिस का कहना है कि गौतम की हालत अब स्थिर है और उसका इलाज चल रहा है. हालांकि, चार दिन तक वह कहां छिपा रहा या किस हाल में था. इस पर अभी साफ जवाब नहीं मिला है. लोगों के मन में यह भी सवाल उठ रहे हैं कि अगर 60 लोगों ने चार दिन तक खंगाला, तो आखिर वह युवक अचानक चौथे दिन उसी इलाके में कैसे मिल गया?