शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने खुलासा किया कि उन्होंने लोकसभा का चुनाव एक 'फकीर' की तरह लड़ा. वह महाराष्ट्र के बारामती से सांसद चुनी गई हैं, जिनके सामने अजीत पवार ने अपनी पत्नी स्नेत्रा पवार को मैदान में उतार दिया था. सुप्रिया सुले ने कहा कि वह अपनी जीत को लेकर 100 फीसदी नहीं था कि वह जीतेंगी.
एक न्यूज चैनल से बातचीत में सुप्रिया सुले ने कहा, "मुझे अपने चुनाव पर 100 फीसदी यकीन नहीं था कि मैं जीत पाऊंगी, क्योंकि मैं तमाम मुश्किलों के खिलाफ लड़ रही थी." दरअसल, लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले महाराष्ट्र में सत्ता में बदलाव का खेल देखा गया, जहां पहले एकनाथ शिंदे और फिर अजीत पवार ने अपनी पार्टी में बगावत कर दी थी. शिंदे के नक्शे कदम पर अजीत पवार ने पार्टी के कई विधायकों को तोड़कर बीजेपी गठबंधन में शामिल हो गए थे.
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फकीर की तरह लड़ी चुनाव - सुप्रिया सुले
बाद में लंबे वाद-विवाद के बाद चुनाव आयोग ने पार्टी का चुनाव चिन्ह और पार्टी की कमान उन्हें सौंप दी. मसलन, अब अजीत पवार एनसीपी के अध्यक्ष हैं और राज्य में असली-नकली होने के दावे चल रहे हैं. इंटरव्यू में सुप्रिया सुले ने इसी विभाजन के संदर्भ में बताया, "मैंने एक फकीर (वैरागी) की तरह लड़ी." सुले ने पवार को हराकर बारामती लोकसभा सीट चौथी बार जीतने का गौरव हासिल किया.
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सीएम फेस के ऐलान पर क्या बोलीं सुप्रिया सुले
महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव भी नजदीक है और इससे पहले यहां चुनावी दंगल भी शुरू हो गया है. हालांकि, विपक्षी गठबंधन की तरफ से सीएम फेस का ऐलान नहीं किया गया है. इस पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सीएम के चेहरे का ऐलान नहीं करेगी. उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी.