बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है. इस याचिका में चुनावों से पूर्व मतदाता सूचियों का SIR अनिवार्य कराने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह कदम चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए आवश्यक है ताकि केवल भारतीय नागरिक मतदान कर सकें और अवैध प्रवासियों को मतदाताओं की सूची से बाहर रखा जा सके.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की पीठ में जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉय माल्य बागची के समक्ष वकील अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि यह याचिका बिहार की वोटर लिस्ट से जुड़ी है. उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि इस याचिका को 10 जुलाई को सुनवाई के लिए निर्धारित अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ा जाए, क्योंकि उस दिन संबंधित मामलों की सुनवाई होनी है.
कोर्ट ने इस याचिका पर फिलहाल कहा कि याचिकाकर्ता पहले अपनी याचिका में बताए गए दिक्कतों को ठीक करें, उसके बाद रजिस्ट्री इस पर निर्णय लेगी.
वर्तमान में बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण जारी है, लेकिन विपक्षी दल इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने इस पर छह से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में जमा कर रखी हैं. इन याचिकाओं में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, आरजेडी, पीयूसीएल, कांग्रेस जैसी पार्टियां शामिल हैं, जो SIR को चुनाव प्रक्रिया पर आघात मानती हैं.
SIR लागू करने का उद्देष्य चुनावों की शुद्धता सुनिश्चित करना है ताकि देश की नीति केवल वास्तविक भारतीय नागरिकों द्वारा निर्धारित हो, न कि अवैध विदेशी प्रवासियों द्वारा. इस संवेदनशील मामले में सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई और फैसले पर सभी की नजरें टिकी हैं.