बेंगलुरु ग्रामीण इलाके से एक ऐसा दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जिसने हर किसी को चौंका दिया. एक जूता मौत का कारण बन गया. जी हां, जूते के भीतर छिपे जहरीले सांप ने 41 वर्षीय मंजू प्रकाश को डस लिया और बिना शोर-शराबे के उनकी जिंदगी का अंत कर दिया.
देर शाम मंजू हमेशा की तरह कामकाज निपटाकर घर लौटे थे. बताया जा रहा है कि इसके बाद वह किसी काम से बाहर गए. वह जूता पहन रहे थे तभी उसमें बैठे सांप ने डस लिया. लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया. बताया जा रहा है उन्हें समझ में नहीं आया कि क्या हुआ, बताया तो यह भी जा रहा है कि वह सांप को देख ही नहीं पाए.
सुबह का खौफनाक सच
अगली सुबह मंजू का एक मित्र उनसे मिलने पहुंचा. उसने जैसे ही मंजू के जूते को देखा तो सन्न रह गया. जूते के भीतर एक सांप पड़ा था. यह देखकर उसके होश उड़ गए. उसने तुरंत परिवारवालों को बुलाया और उन्हें सारी बात बताई. घबराए परिजनों ने मंजू को आवाज लगाई, हिलाने की कोशिश की, लेकिन मंजू बेसुध पड़े थे. जब होश में लाने के प्रयास असफल रहे तो परिवार समझ गया कि कुछ बड़ा अनहोनी हो चुकी है.
जहर का असर नींद में
डॉक्टरों का कहना है कि यह पूरी तरह संभव है कि जूते में छिपे सांप ने मंजू को उस समय डंसा हो जब उन्होंने जूता पहना. चूंकि सांप अंदर दबा हुआ था, उसने बचाव में डसा और जहर शरीर में पहुंच गया. मंजू ने शुरुआती दर्द या हल्की जलन को शायद सामान्य समझा और ध्यान नहीं दिया. लेकिन सोते समय जहर धीरे-धीरे शरीर में फैल गया और रातभर में उनकी मौत हो गई.
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. प्राथमिक जांच में सामने आया कि यह एक अप्राकृतिक मृत्यु का मामला है. पुलिस ने केस दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. अधिकारियों ने बताया कि जांच की जा रही है कि सांप किस प्रजाति का था और उसमें कितना जहर था.
परिवार का गम और गांव में दहशत
मंजू की अचानक हुई मौत से परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है. एक दिन पहले तक हंसते-खेलते मंजू अब नहीं रहे. रिश्तेदार और पड़ोसी इस हादसे को सुनकर सन्न हैं. गांव में दहशत का माहौल है और लोग कह रहे हैं कि उन्होंने पहले कभी ऐसा मामला नहीं सुना जहां जूते के भीतर छिपे सांप ने किसी की जान ले ली हो.
विशेषज्ञों की राय
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि बरसात और उसके बाद के मौसम में अक्सर सांप घरों में घुस जाते हैं. वे अंधेरे और नम जगहों में छिपना पसंद करते हैं. जूते, अलमारी के कोने, लकड़ी के ढेर या बिस्तर के नीचे उनकी सुरक्षित पनाहगाह बन जाते हैं. यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में लोग अक्सर घर के बाहर रखे जूतों को पहनने से पहले झाड़ते हैं. यह आदत कई बार जान बचा लेती है. विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि यदि किसी को लगता है कि सांप ने काट लिया है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. कई बार लोग घरेलू नुस्खों या अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर समय गंवा देते हैं, जो जानलेवा साबित होता है.
सीख और सावधानियां
यह घटना केवल मंजू और उनके परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए एक सबक है. घर में या बाहर रखे जूतों को पहनने से पहले उन्हें अच्छे से झाड़ना या उलट-पलट कर देख लेना ज़रूरी है. खासतौर पर बरसात और गर्मी के दिनों में यह आदत जीवनरक्षक साबित हो सकती है. इसके अलावा, ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सांपों के प्रति जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है. अक्सर लोग घबराकर या अनजाने में सांपों को मार देते हैं, जबकि ज़रूरी है कि सुरक्षित तरीक़े से उन्हें पकड़ा जाए और जंगल में छोड़ा जाए.