भारत के मनोनीत मुख्य न्यायाधीश (CJI) धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को पद की शपथ लेने से रोकने की मांग की गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शपथ रोकने की याचिका खारिज कर दी है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका पर सुनवाई की कोई वजह नजर नहीं आती है. साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि याचिका पूरी तरह से भ्रामक है. लिहाजा इस पर आगे सुनवाई करने का कोई मतलब नहीं है.
अदालत में सीजेआई ने काउंसिल से पूछा कि अगर आपके पास कुछ तथ्य है तो हम आपकी बात सुनने को तैयार हैं. इसके जवाब में काउंसिल ने कहा कि कृपया आप मेरी लिखित प्रस्तुतियों के आधार पर फैसला लें.
अदालत ने खारिज की याचिका
तब मौजूदा CJI ने कहा कि इस मामले का जिक्र सुबह तत्काल लिस्टिंग के लिए किया गया था. याचिका में राहत की मांग की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए मामले का उल्लेख करने वाले वकील को दोपहर 12:45 बजे सबमिशन करने की अनुमति दी गई. हमारे सामने 12:45 बजे मामले को दाखिल करने के लिए लिस्ट किया गया था. सभी की बात सुनने के बाद हमने पाया कि पूरी याचिका पर विचार करने का कोई मतलब नहीं है. इसलिए हम इस याचिका को खारिज करते हैं.
9 नवंबर को लेंगे शपथ
बता दें कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को देश का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने का ऐलान कुछ दिन पहले ही किया था. अधिसूचना के मुताबिक 9 नवंबर से जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ CJI का पद संभालेंगे. जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ 9 नवंबर 2022 को शपथ लेंगे और 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे. वे 50वें मुख्य न्यायाधीश होंगे.