scorecardresearch
 

'1978 में जो दंगे हुए थे, उसकी नहीं हो रही कोई जांच', संभल SP ने साफ की तस्वीर

उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य श्रीचंद्र शर्मा के द्वारा शासन को पत्र लिखकर संभल में हुए 1978 के दंगों की जानकारी की मांग की गई थी. इसके बाद शासन ने संभल के डीएम और एसपी को पत्र के जरिए निर्देश जारी किया है.

Advertisement
X
पिछले साल संभल में हुई हिंसा (फाइल फोटो)
पिछले साल संभल में हुई हिंसा (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के संभल (Sambhal) में 1978 के दौरान हुए सांप्रदायिक दंगों की चर्चा एक बार फिर से शुरू हो गई है. बीजेपी नेता की मांग के बाद यूपी गृह विभाग के उप सचिव और मानव अधिकार आयोग के एसपी ने संभल के डीएम और एसपी को पत्र भेजकर एक हफ्ते में दंगे से जुड़ी जानकारी देने को कहा है. ये जिम्मेदारी शासन के निर्देश पर संभल के ASP उत्तरी को दी गई है, जिन्हें एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट तैयार करके भेजना है. इससे पहले ये खबरें आ रही थीं कि दंगे से जुड़ी जांच होने वाली है लेकिन पुलिस ने मामले को लेकर साफ किया है कि जांच जैसा कुछ नहीं होने वाला है.

संभल के एसपी कृष्णा बिश्नोई ने कहा, "1978 में जो दंगे हुए थे, उसमें कोई जांच नहीं हो रही है. बीजेपी एमएलसी ने इस दंगे से जुड़ी रिपोर्ट मांगी थी. हम एक हफ्ते के अंदर एक जानकारी दे देंगे."

MLC ने की थी मांग

उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य श्रीचंद्र शर्मा के द्वारा शासन को पत्र लिखकर संभल में हुए 1978 के दंगों से जुड़ी जानकारी की मांग की गई थी. इसके बाद शासन ने संभल के डीएम और एसपी को पत्र के जरिए इसको लेकर निर्देश जारी किया है.

संभल में 14 दिसंबर को कार्तिकेय महादेव मंदिर का 46 साल बाद ताला खुला. इसके बाद सामने आए 1978 के दंगा पीड़ितों ने अपनी दास्तान सुनाई थी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में भी 1978 के दंगे का जिक्र किया.

यह भी पढ़ें: 'ज्यादा राजनीति में मत पड़ो और अपने घर बैठो', संभल में 46 साल बाद मिले मंदिर के पुजारी का दावा, मिल रही धमकी

Advertisement

संभल में 46 साल से बंद मंदिर में शुरू हुई पूजा 

पिछले साल दिसंबर में पुलिस प्रशासन को 1978 से बंद पड़ा मंदिर मिला. 15 दिसंबर को इस मंदिर में विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-आरती की गई. स्थानीय लोगों का दावा है कि सांप्रदायिक दंगों और हिंदू आबादी के विस्थापन की वजह से ये मंदिर 1978 से बंद पड़ा था. 1978 के दंगों के बाद हिंदू समुदाय को इस इलाके से पलायन करना पड़ा था. 46 सालों से बंद पड़ा ये मंदिर सपा सांसद जियाउररहमान बर्क के घर से 200 मीटर की दूरी पर है. मंदिर के अंदर प्रतिमा, शिवलिंग और नंदी स्थापित हैं.  
 

 
---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement