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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 15 से 17 मार्च तक नागपुर में बुलाई प्रतिनिधि सभा, नए सरकार्यवाह का होगा चुनाव

आरएसएस प्रतिनिधि सभा की बैठक में एक नया सहकार्यवाह या महासचिव चुना जाएगा. इसलिए ये बैठक अहम है. वर्तमान महासचिव दत्तात्रेय होसबले हैं. इसकी संभावना है कि उन्हें दोबारा पद मिल सकता है, क्योंकि आरएसएस अपने शीर्ष पदाधिकारियों को कई कार्यकाल देने के लिए जाना जाता है.

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 15, 16 और 17 मार्च को नागपुर में अपनी प्रतिनिधि सभा की मेजबानी करेगा. (File Photo)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 15, 16 और 17 मार्च को नागपुर में अपनी प्रतिनिधि सभा की मेजबानी करेगा. (File Photo)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 15, 16 और 17 मार्च को नागपुर में अपनी प्रतिनिधि सभा की मेजबानी करेगा. यह संघ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है. बैठक में आरएसएस के करीब 1570 शीर्ष पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. बीजेपी से जेपी नड्डा, बीएल संतोष के भी मौजूद रहने की संभावना है. इस बैठक में संदेशखाली, मणिपुर और किसान आंदोलन के अलावा अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. आरएसएस इन मामलों पर अपने कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया सुनेगा और भविष्य का रोडमैप तय करेगा.

आरएसएस में भी चुनावी साल

आरएसएस प्रतिनिधि सभा की बैठक में एक नया सहकार्यवाह या महासचिव चुना जाएगा. इसलिए ये बैठक अहम है. वर्तमान महासचिव दत्तात्रेय होसबले हैं. इसकी संभावना है कि उन्हें दोबारा पद मिल सकता है, क्योंकि आरएसएस अपने शीर्ष पदाधिकारियों को कई कार्यकाल देने के लिए जाना जाता है. आरएसएस में इसके लिए हर तीन साल में चुनाव होते हैं. बैठक में आरएसएस दो-तीन प्रस्ताव भी पारित करेगा. सामाजिक राजनीतिक मसलों पर चर्चा होगी.
 
सामाजिक समरसता या सामाजिक एकजुटता, जातिगत भेदभाव से लड़ना, भारतीय परिवार प्रणाली को मजबूत करना, बच्चों और युवाओं को भारतीय सभ्यता, पर्यावरण, स्वच्छता, नागरिक कर्तव्यों के बारे में शिक्षित करना इत्यादि संघ की प्रतिनिधि सभा के प्रमुख मुद्दे होंगे, जिन पर चर्चा की जाएगी. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत नागरिक कर्तव्यों की बात करते रहे हैं. आरएसएस अपनी प्रतिनिधि सभा में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता पर भी चर्चा करेगा. इस बैठक में आरएसएस की स्थापना के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोहों को लेकर सुझावों पर चर्चा की जाएगी.आरएसएस का लक्ष्य अगले साल तक देश के हर मंडल तक पहुंचने का है.

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संघ के ट्रेनिंग मॉड्यूल में बदलाव

उन्नत प्रशिक्षण के लिए संघ शिखा वर्ग या आरएसएस के प्रशिक्षण शिविरों को कार्यकर्ता विकास वर्ग कहा जाएगा. RSS के 20-दिवसीय शुरुआती मॉड्यूल को इस वर्ष से 15 दिनों तक सीमित कर दिया जाएगा. संगठन कुछ ऐसे शारीरिक खेलों को भी खत्म कर रहा है, जिन्हें बदलते समय के साथ आवश्यक नहीं समझा जाता है. यह लाठी, चपलता में सुधार के लिए आधुनिक तकनीकों आदि के उपयोग के साथ नया प्रशिक्षण मॉड्यूल लेकर आया है.

बैठक में आरएसएस द्वारा पिछले वर्ष आयोजित की गई गतिविधियों का सारांश भी प्रस्तुत किया जाएगा. इसमें हर प्रांत पर चर्चा भी देखने को मिलेगी. सामाजिक समावेशन और पर्यावरण, विशेष रूप से जल संरक्षण, वृद्ध जनसंख्या, जनसंख्या नीति, यूसीसी, परिवर्तित आदिवासियों को सूची से हटाने पर चर्चा की जाएगी. आरएसएस के 40 सहयोगी संगठन के प्रतिनिधि भी प्रतिनिधि सभा में अपने विचार प्रस्तुत करेंगे. बैठक से एक दिन पहले प्रांत प्रचारकों की बैठक होगी.

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