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वीर बालकृष्ण: राजौरी हमले के दौरान अकेले हथियार लेकर आतंकियों से भिड़ा ये शख्स, भाग खड़े हुए थे दहशतगर्द

राजौरी में रविवार को आतंकियों ने 3 घरों में फायरिंग कर चार हिंदुओं की हत्या कर दी थी. आतंकी चौथे घर को भी निशाना बनाने वाले थे. जैसे ही वे घर में घुसने लगे तभी बालकृष्ण ने आतंकियों पर फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई देखते हुए आतंकी गांव से भाग गए.

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राजौरी में रविवार को आतंकियों ने हमला किया था. (फोटो- सर्च ऑपरेशन चलाते जवान)
राजौरी में रविवार को आतंकियों ने हमला किया था. (फोटो- सर्च ऑपरेशन चलाते जवान)

जम्मू कश्मीर के राजौरी में रविवार और सोमवार को दो बड़े आतंकी हमले हुए. इन हमलों में 6 हिंदुओं की मौत हो गई, जबकि 10 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं. दो आतंकियों ने रविवार शाम को तीन घरों में फायरिंग की थी, इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 6 लोग जख्मी हुए थे. जब आतंकी तीन घरों में मौत का तांडव मचाकर चौथे घर में हिंदुओं को निशाना बनाने के लिए आगे बढ़ रहे थे, तभी एक युवक बाहर निकला और बहादुरी दिखाते हुए उसने आतंकियों पर फायरिंग शुरू कर दी. अचानक जवाबी फायरिंग देखकर आतंकियों भागने को मजबूर हो गए.

दरअसल, 2 आतंकी रविवार को शाम करीब 7 बजे हथियार लेकर धांगरी गांव पहुंचे. आतंकी सबसे पहले प्रीतम के घर पर पहुंचे और उनसे उनका आधार कार्ड मांगा. आधार देखकर जब आतंकियों ने यह पुष्टि कर ली कि ये हिंदू हैं, तो उन पर फायरिंग कर दी. उस वक्त घर में खाना बन रहा था. इस हमले में दो भाई जख्मी हुए, बाद में एक की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद आतंकी 200 मीटर दूर बने दूसरे घर में गए, यहां आतंकियों ने फायरिंग की, इसमें दो लोगों की मौत हो गई. इसके बाद आतंकियों ने तीसरे घर में फायरिंग की, इसमें एक की मौत हो गई, जबकि 5 लोग जख्मी हो गए. 
 
जब आतंकियों पर बालकृष्ण ने किया हमला

आतंकी चौथे घर की तरफ ही बढ़ रहे थे, तभी अचानक से बालकृष्ण निकले. उनके हाथ में विलेज डिफेंस कमेटी (VDC) सदस्य की बंदूक थी. उन्होंने आतंकियों पर फायरिंग शुरू कर दी. आतंकी दबे पैर भाग खड़े हुए. पूर्व एमएलसी विबूद गुप्ता ने बताया कि जब बालकृष्ण ने फायरिंग की, तभी आतंकी भागे. आतंकियों को लगा कि ये फायरिंग सुरक्षाबलों ने की है.  

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आर्मी ज्वाइन करने वाला था दीपक, हमले में हुई मौत

राजौरी में आतंकियों की फायरिंग में मारे गए लोगों में दीपक कुमार भी शामिल है. दीपक 23 साल का था. उसे मंगलवार को ही सेना में शामिल होना था. लेकिन दो दिन पहले ही आतंकी हमले में उसकी मौत हो गई. दीपक के पिता पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में कर्मचारी हैं. दीपक को सेना में भर्ती होना था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. 
 
24 घंटे में दो हमले हुए

राजौरी में 24 घंटे के अंतराल में दो हमले हुए. रविवार को हुई फायरिंग में 4 हिंदुओं की मौत हो गई. इसके अगले दिन जब गांव के लोग हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे, तभी यहां आईईडी ब्लास्ट हो गया. इसमें 2 बच्चों की मौत हो गई. जबकि 6 लोग जख्मी हो गए. यह ब्लास्ट उस घर के पास हुआ था, जहां एक दिन पहले आतंकियों से सबसे पहले फायरिंग की थी. 

 

 

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